दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल की AAP के लिए बड़ा झटका, सीलमपुर के MLA अब्दुल रहमान ने छोड़ी पार्टी, लगाया गंभीर आरोप
By रुस्तम राणा | Published: December 10, 2024 07:54 PM2024-12-10T19:54:12+5:302024-12-10T19:58:11+5:30
अब्दुल रहमान ने अपना पत्र एक्स पर साझा किया और लिखा, "आज मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। पार्टी ने सत्ता की राजनीति में उलझकर मुसलमानों के अधिकारों की अनदेखी की
नई दिल्ली: मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले सीलमपुर से विधायक अब्दुल रहमान ने आम आदमी पार्टी (आप) से इस्तीफा दे दिया। उनका आरोप है कि पार्टी ने "मुसलमानों के अधिकारों की अनदेखी की है।" यह अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आप के लिए एक बड़ा झटका है, जो सत्ता में बने रहने की उम्मीद कर रही है।
उन्होंने अपना पत्र एक्स पर साझा किया और लिखा, "आज मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। पार्टी ने सत्ता की राजनीति में उलझकर मुसलमानों के अधिकारों की अनदेखी की, अरविंद केजरीवाल ने हमेशा लोगों के मुद्दों से भागकर अपनी राजनीति की। मैं न्याय और अधिकारों के लिए लड़ता रहूंगा।"
अपने त्यागपत्र में रहमान ने आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर अपने राजनीतिक लाभ के लिए सार्वजनिक मुद्दों से बचने का आरोप भी लगाया। रहमान ने कहा, "आज मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। पार्टी सत्ता की राजनीति में उलझ गई है और उसने मुसलमानों के अधिकारों की अनदेखी की है। अरविंद केजरीवाल अपने राजनीतिक लाभ के लिए लगातार सार्वजनिक मुद्दों को संबोधित करने से बचते रहे हैं। मैं न्याय और अधिकारों के लिए लड़ता रहूंगा।"
आज मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। पार्टी ने सत्ता की राजनीति में उलझकर मुसलमानों के अधिकारों को नजरअंदाज किया, अरविंद केजरीवाल ने हमेशा जनता के मुद्दों से भागकर अपनी राजनीति की। इंसाफ़ और हक़ की लड़ाई लड़ता रहूँगा । @ArvindKejriwal@AAPDelhipic.twitter.com/T6FTmdgReO
— Abdul Rehman MLA (@AbdulrehmanMLA) December 10, 2024
उनका जाना AAP के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर उन निर्वाचन क्षेत्रों में जहां मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी खासी तादाद है, और इससे पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर असर पड़ सकता है। AAP छोड़ने का उनका फैसला 29 अक्टूबर को अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के कुछ ही महीने बाद आया है।
गौरतलब है कि फरवरी 2020 के विधानसभा चुनावों में आप ने 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में 62 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा ने शेष आठ सीटें जीती थीं। दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी थी।