राजस्थान के राज्यपाल ने दबाव में काम करने के आरोपों को किया खारिज, कहा- मेरे लिए संविधान सर्वोपरि, कोई दबाव नहीं

By भाषा | Published: July 30, 2020 09:00 PM2020-07-30T21:00:35+5:302020-07-30T21:00:35+5:30

राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच राज्यपाल करराज मिश्र ने केंद्र सरकार के दबाव में काम करने के आरोपों को सिरे से खारिज किया है।

A trust motion is the decision of the CM in present circumstances, says Rajasthan Governor Kalraj Mishra | राजस्थान के राज्यपाल ने दबाव में काम करने के आरोपों को किया खारिज, कहा- मेरे लिए संविधान सर्वोपरि, कोई दबाव नहीं

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने दबाव में काम करने के आरोपों को खारिज किया। (फाइल फोटो)

Highlightsराजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि उनके लिए संविधान सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा राज्य सरकार को हमेशा संवैधानिक प्रावधानों का पालन करने का निर्देश दिया।

नई दिल्ली।राजस्थान में राजनीतिक गतिरोध की स्थिति में केंद्र सरकार के दबाव में काम करने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनके लिए संविधान सर्वोपरि है। मिश्र ने अशोक गहलोत सरकार से राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम करने और विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए हरसंभव प्रयास करने को भी कहा। राज्यपाल मिश्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि उन्होंने विधानसभा सत्र बुलाने का अनुरोध भेजने के लिए राज्य सरकार को हमेशा संवैधानिक प्रावधानों का पालन करने का निर्देश दिया।

उन्होंने बुधवार को 14 अगस्त से विधानसभा का सत्र बुलाने के राजस्थान मंत्रिमंडल के प्रस्ताव पर सहमति जताई थी। मिश्र ने इससे पहले इस संबंध में राज्य सरकार के तीन प्रस्तावों को खारिज कर दिया था। उन्होंने राज्य मंत्रिमंडल से सत्र बुलाने के लिए 21 दिन पूर्व नोटिस देने की अनिवार्यता पूरी करने को कहा था। उन्होंने कांग्रेस के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘राज्यपाल के लिए संविधान सर्वोपरि होता है। मुझ पर कोई दबाव नहीं है।’’

राज्यपाल बनने से पहले भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में शामिल रहे और केंद्रीय मंत्री रह चुके मिश्र ने राज भवन में कांग्रेस विधायकों के धरना प्रदर्शन पर अफसोस जताते हुए कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति के खिलाफ इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है। उन्होंने कांग्रेस विधायकों के उक्त हालिया प्रदर्शन और 1995 में उत्तर प्रदेश में तत्कालीन राज्य सरकार के खिलाफ खुद समेत भाजपा विधायकों द्वारा किये गये प्रदर्शन की तुलना को खारिज करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में राज भवन के बाहर प्रदर्शन किया गया था और किसी तरह के शिष्टाचार को नहीं तोड़ा गया था।

उस समय भाजपा विधायकों ने कुख्यात ‘गेस्ट हाउस’ कांड के खिलाफ प्रदर्शन किया था, जिसमें कथित तौर पर सपा नेताओं के इशारे पर कुछ लोगों ने बसपा सुपीमो मायावती पर हमला किया था। राजस्थान सरकार से उनकी क्या अपेक्षाएं हैं, इस प्रश्न के जवाब में राज्यपाल ने कहा कि उसे विकास कार्य तेजी से करने चाहिए और कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए रणनीति बनानी चाहिए।

मिश्र ने कहा, ‘‘राज्य सरकार को आम आदमी का ख्याल रखना चाहिए। जनता के बीच वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए लगातार जागरुकता फैलाने के प्रयास होने चाहिए। ऐसा माहौल बनना चाहिए कि लोग डरें नहीं। महामारी रोकने के लिए हरसंभव प्रयास होने चाहिए।’’

राजस्थान में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके करीबी 18 विधायकों द्वारा बगावत किये जाने के बाद पैदा हुए राजनीतिक संकट से निपटने के लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस के अधिकतर विधायक जयपुर के एक पांच-सितारा होटल में डेरा डाले हुए हैं। भाजपा का आरोप है कि राज्य सरकार महामारी और अन्य मुद्दों से निपटने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है। वहीं कांग्रेस ने भाजपा पर गहलोत सरकार को कथित तौर पर गिराने के लिए कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे के साथ मिलकर उसके विधायकों को लुभाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए राज्य में पैदा हुए राजनीतिक संकट को कांग्रेस की आंतरिक कलह का नतीजा बताया है। 

Web Title: A trust motion is the decision of the CM in present circumstances, says Rajasthan Governor Kalraj Mishra

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