वकील ने RTI दायर कर पूछा- क्या कानूनी था दिल्ली पुलिस का प्रदर्शन, शामिल अधिकारियों पर क्या कार्रवाई हुई?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 7, 2019 01:27 PM2019-11-07T13:27:13+5:302019-11-07T13:27:13+5:30
दिल्ली के पुलिसकर्मियों ने अपनी शिकायतों के निपटारे का आश्वासन मिलने के बाद लगभग 11 घंटे चला प्रदर्शन खत्म कर दिया था।
दिल्ली के वकील विनोद यादव ने 5 नवंबर को हुए दिल्ली पुलिस के प्रदर्शन पर सवाल खड़े किए हैं। विनोद ने सूचना के अधिकार के तहत गृहमंत्राल, उपराज्यपाल और दिल्ली पुलिस कमिश्नर से जानकारी मांगी है कि दिल्ली पुलिस कर्मियों का प्रदर्शन कानूनी था या गैर कानूनी। साथ ही यह भी कहा गया है कि इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।
दिल्ली पुलिस के आयुक्त अमूल्य पटनायक ने बुधवार को पुलिस कर्मियों को हर तरह के उकसावे को दरकिनार कर बल की गरिमा को बनाए रखने की अपील की थी। पुलिस कर्मियों को संबोधित एक बयान में पटनायक ने कहा, ‘‘मैंने कल आपसे अपील की थी कि आम जनता हमारी चिंताओं के प्रति सहानूभुति रखती है और इसे ध्यान में रखते हुए, हमें अनुशासित होना चाहिए। मुझे गर्व है और खुशी है कि आप सब ने हमारी गहरी भावनाओं को समझा और अपनी ड्यूटी पर डटे रहे।’’
पुलिस आयुक्त ने यह भी कहा कि पुलिस-वकीलों के बीच गतिरोध पर बल को उच्च न्यायालय से पर्याप्त राहत मिल गई है। उन्होंने आश्वस्त किया कि दिल्ली पुलिस इस संबंध में उचित कदम उठाना जारी रखेगी।
गौरतलब है कि दिल्ली के पुलिसकर्मियों ने अपनी शिकायतों के निपटारे का आश्वासन मिलने के बाद लगभग 11 घंटे चला प्रदर्शन खत्म कर दिया था। विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) सतीश गोलचा ने तीस हजारी अदालत परिसर में पुलिस और वकीलों के बीच झड़प की घटना के बाद हड़ताल पर गए पुलिसकर्मियों से काम पर लौटने की अपील की और कहा कि इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी। उन्होंने कहा कि घायल पुलिसकर्मियों को कम से कम 25-25 हजार रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।