बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के एक युद्धक टैंक को केंद्रपाड़ा के कॉलेज में लाया गया

By भाषा | Updated: October 17, 2021 15:06 IST2021-10-17T15:06:50+5:302021-10-17T15:06:50+5:30

A battle tank from the Bangladesh Liberation War was brought to the college in Kendrapara | बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के एक युद्धक टैंक को केंद्रपाड़ा के कॉलेज में लाया गया

बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के एक युद्धक टैंक को केंद्रपाड़ा के कॉलेज में लाया गया

केंद्रपाड़ा (ओडिशा), 17 अक्टूबर छात्रों और युवाओं को रक्षा बलों में शामिल होने के वास्ते प्रेरित करने और उनके बीच देशभक्ति की भावना का प्रचार करने के लिए 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारतीय सेना द्वारा इस्तेमाल किए गए एक युद्धक टैंक को ‘वॉर ट्रॉफी’ स्मृति चिह्न के तौर पर शनिवार को यहां केंद्रपाड़ा स्वायत्त कॉलेज लाया गया।

रूस द्वारा निर्मित टी-55 युद्धक टैंक को नयी दिल्ली में सेना मुख्यालय, मास्टर जनरल ब्रांच, आयुध सेवा निदेशालय से हासिल किया गया। इसके लिए तत्कालीन सेना प्रमुख और मौजूदा प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की मंजूरी ली गयी।

‘वॉर ट्रॉफी’ को छात्रों तथा एनसीसी कैडेट को देश की सेवा के लिए रक्षा बलों में शामिल होने के वास्ते प्रेरित करने और छात्रों के बीच देशभक्ति की भावना का प्रचार करने के वास्ते कॉलेज परिसर में उनके प्रदर्शन के उद्देश्य से जारी किया जाता है।

कॉलेज के प्रधानाचार्य राजेंद्र त्रिपाठी ने कहा, ‘‘वॉर ट्रॉफी टैंक टी-55 भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध में शामिल था और देश को जीत दिलायी थी तथा यह देश के गौरव एवं प्रतिष्ठा का प्रतीक है। कॉलेज ने टैंक खरीदने के लिए केवल 1.14 लाख रुपये दिए।

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Web Title: A battle tank from the Bangladesh Liberation War was brought to the college in Kendrapara

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