देश में 2030 तक गर्भ में ही मार दी जाएंगी 68 लाख बेटियां
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 23, 2020 03:19 AM2020-08-23T03:19:56+5:302020-08-23T03:19:56+5:30
उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक गर्भपात एक रिपोर्ट के मुताबिक, शोधकर्ता का कहना है कि 2017 से 2030 के बीच उत्तर प्रदेश में 20 लाख कम लड़कियां पैदा होंगी.
नई दिल्ली: 2017 से 2030 के बीच भारत में 68 लाख कम लड़कियां पैदा होंगी. सऊदी अरब की किंग अब्दुल्ला यूनिविर्सटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के एक अध्ययन में ये आकलन किया गया है.रिपोर्ट मे कहा गया कि अब भी लिंग जानने के बाद महिला के गर्भ में लड़की होने पर उनका गर्भपात करा दिया जाता है.
उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक गर्भपात एक रिपोर्ट के मुताबिक, शोधकर्ता का कहना है कि 2017 से 2030 के बीच उत्तर प्रदेश में 20 लाख कम लड़कियां पैदा होंगी. यानी सबसे अधिक कमी भारत के इस राज्य में देखने को मिल सकती है. आबादी की प्रजनन और लोगों के बेटे या बेटी पाने की चाहत के आधार पर शोधकर्ता ने भारत के 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का आकलन किया है.
रिपोर्ट मे कहा गया कि भारत के उत्तर में स्थित 17 राज्यों में देखा गया कि बेटे की चाहत काफी अधिक है. ये अध्ययन इसी हफ्ते प्लॉस वन जर्नल में प्रकाशित किया गया. रिपोर्ट में इस बात की भी वकालत की गई है कि लैंगिक बराबरी के लिए भारत को कड़ी नीति लागू करने की जरूरत है.
1994 में बना कानून भारत में 1994 में ही कानून बनाकर गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग जांच करना अवैध करार दिया गया था. हालांकि, अलग-अलग इलाकों में इस कानून को लागू करने में असमानताएं हैं. देश के ज्यादातर हिस्सों में लिंग अनुपात का खराब होना जारी है. फिलहाल भारत में प्रति एक हजार पुरु षों पर 900 से 930 महिलाएं हैं.