लोगों का लड़कियों के प्रति नजरिया बदल रहा है, लड़कों की तुलना में अधिक लड़कियां गोद ली जा रही हैं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 27, 2019 01:58 PM2019-05-27T13:58:22+5:302019-05-27T13:58:22+5:30
केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार वर्ष 2018-19 में कुल 4,027 बच्चों को गोद लिया गया, जिनमें से करीब 3,374 बच्चे देश में और 653 बच्चे देश के बाहर से गोद लिए गए।
देश में वर्ष 2018-19 में 2,398 लड़कियों समेत 4000 से अधिक बच्चों को गोद लिया गया। यह, गोद लिए जाने वाले बच्चों की पिछले पांच साल में सर्वाधिक संख्या है।
केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार वर्ष 2018-19 में कुल 4,027 बच्चों को गोद लिया गया, जिनमें से करीब 3,374 बच्चे देश में और 653 बच्चे देश के बाहर से गोद लिए गए।
आंकड़ों के अनुसार, 2017-18 में 3,927 बच्चे, 2016-17 में कुल 3,788 बच्चे और 2015-16 में कुल 3,677 बच्चे गोद लिए गए थे। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों का लड़कियों के प्रति नजरिया बदल रहा है और यह बात इस तथ्य से साबित होती है कि हर साल लड़कों की तुलना में अधिक लड़कियां गोद ली जा रही हैं।
आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक बच्चे महाराष्ट्र से गोद लिए गए। महाराष्ट्र से 845 बच्चे गोद लिए गए जिनमें 477 लड़कियां हैं। अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र में सबसे अधिक संख्या में बच्चे इसलिए गोद लिए गए, क्योंकि वहां दत्तक ग्रहण एजेंसियों की संख्या सर्वाधिक है।
महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक का नंबर है, जहां 281 बच्चे गोद लिए गए। इसके बाद ओडिशा से 244 और मध्य प्रदेश से 239 बच्चों को गोद लिया गया। हरियाणा में भी लड़कों की तुलना में लड़कियों को अधिक संख्या में गोद लिया गया। हरियाणा में गोद लिए गए 72 बच्चों में कुल 45 लड़कियां हैं। आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में गोद लिए गए 153 बच्चों में 103 लड़कियां हैं।