बिहार: आगामी लोक सभा चुनाव में 6 मौजूदा सांसदों का टिकट काट सकती है बीजेपी, ये है वजह
By भारती द्विवेदी | Published: August 21, 2018 05:40 PM2018-08-21T17:40:35+5:302018-08-21T17:40:48+5:30
बीजेपी नेताओं की माने तो राष्ट्रीय नेतृत्व की चाहता है कि किसी भी स्थिति में 2014 चुनाव परिणाम को रिपीट ही नहीं बल्कि उससे बेहतर करना है।
नई दिल्ली, 21 अगस्त: अगले साल लोकसभा चुनाव होना है। लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में जनता दल यूनाइडेट (जदयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दोनों ही पार्टियों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
दोनों ही पार्टियों के बीच सीट बंटवार को लेकर मामला फंसा हुआ है। बीजेपी चाहती है बिहार के 40 लोकसभा सीटों में से जदयू को नौ सीटें दी जाए। जबकि नीतीश कुमार अपनी पार्टी के लिए 15 सीटों की मांग कर रहे हैं।
प्रस्ताव के इंतजार में नीतीश कुमार
दरअसल 18 जुलाई को सीट बंटवारों के लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पत्रकारों ने सवाल पूछा था, जिसका जवाब देते हुए उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा था- ‘अरे भाई हो जाएगी सीट की शेयरिंग, आप लोग इंतजार कीजिए।बीजेपी नेताओं के साथ वन टू वन बात होगी। तीन से चार सप्ताह में बीजेपी की तरफ से प्रस्ताव आएगा और ये मसला हल कर लिया जाएगा’।
नीतीश कुमार ने 9 जुलाई को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी बीजेपी की तरफ से प्रस्ताव की बात में कही थी। उस समय में भी उन्होंने कहा था कि वो बीजेपी के प्रस्ताव का इंतजार कर रहे हैं। नीतीश कुमार बार-बार मीडिया के सामने या पब्लिकली प्रस्ताव की बात कह रहे हैं, हालांकि बीजेपी की तरफ से सीटों को लेकर अब तक कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है।
अखबार में छपी खबर पर प्रतिक्रिया
फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, पटना के एक दैनिक अखबार ने 20 अगस्त को ये खबर छापी थी कि बीजेपी अपने आधे दर्जन सीटिंग सदस्यों का टिकट काट सकती है। अखबार ने उन संभावित सदस्यों का नाम भी छापा था।
उस खबर के मुताबिक, बीजेपी ने एक अंदरूनी सर्वे कराया था कि, जिसमें सीटिंग सदस्यों की परफॉरर्मेंस उनके एरिया में अच्छा नहीं है। ये खबर आने के बाद नामित एक लोकसभा सदस्य ने कहा है कि परफॉरमेंस की आड़ में हमलोगों का टिकट काट जा रहा है। ताकि सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यू को 15 सीट दिया जा सके।
2010 के तर्ज पर हो बंटवारा
वहीं बीजेपी के कुछ लोगों को कहना है कि सीट बंटवारे पर पेंच केवल जदयू के साथ ही फंसा है। बीजेपी चाहती है कि 2019 के लोकसभा में जदयू 9 सीटों पर लड़े और साल 2020 में होने वाले विधानसभा के चुनाव में 2010 की तर्ज पर सीटों का बंटवारा कर लिया जाएगा।
जबकि नीतीश कुमार इस समझौते के लिए तैयार नहीं हैं। बीजेपी में कुछ लोगों की ये भी मानना है कि टॉप नेतृत्व नीतीश कुमार की बात को मानकर एक कदम पीछे हट सकती है। बीजेपी नेताओं की माने तो राष्ट्रीय नेतृत्व की चाहता है कि किसी भी स्थिति में 2014 चुनाव परिणाम को रिपीट ही नहीं बल्कि उससे बेहतर करना है।