गुरू नानक देव के 550 वें प्रकाश पर्व समारोह : संयुक्त समारोह की संभावना धूमिल

By भाषा | Published: October 12, 2019 06:04 AM2019-10-12T06:04:31+5:302019-10-12T06:04:31+5:30

सिख धर्म के संस्थापक गुरू नानक देव के 550 वें प्रकाश पर्व पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी)और पंजाब सरकार की ओर से संयुक्त समारोह आयोजित करने की संभावना धूमिल हो गई है।

550th Prakash Parv celebrations of Guru Nanak Dev: the possibility of a joint ceremony faded | गुरू नानक देव के 550 वें प्रकाश पर्व समारोह : संयुक्त समारोह की संभावना धूमिल

गुरू नानक देव के 550 वें प्रकाश पर्व समारोह : संयुक्त समारोह की संभावना धूमिल

Highlights एसजीपीसी के इस कदम से पंजाब सरकार के मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। रंधावा ने आरोप लगाया, ‘‘वे (एसजीपीसी) बादल परिवार के इशारे पर काम कर रहे हैं।’

सिख धर्म के संस्थापक गुरू नानक देव के 550 वें प्रकाश पर्व पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी)और पंजाब सरकार की ओर से संयुक्त समारोह आयोजित करने की संभावना धूमिल हो गई है। एसजीपीसी ने 12 नवंबर को कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी में इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्य कार्यक्रम आयोजित करने के लिए अलग मंच बनाने के लिए दिल्ली की एक कंपनी को आठ करोड़ रुपये में ठेका दिया है। एसजीपीसी के इस कदम से पंजाब सरकार के मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

चन्नी ने विपक्षी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की आलोचना करते हुए कहा है कि वह राज्य सरकार को गुरू नानक देव के 550 वें प्रकाश पर्व पर समारोह आयोजित करने से रोकने का प्रयास कर रहा है। शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल एवं एसजीपीसी की पूर्व प्रमुख जागीर कौर पर बरसते हुए चन्नी ने कहा कि दोनों नेता अपना राजनीतिक हित साधने के लिए ‘प्रकाश पर्व’ के संयुक्त आयोजन के राह में रोड़े अटका रहे हैं। एसजीपीसी के इस कदम की पुष्टि करते हुए ‘अकाल तख्त’ के निर्देश पर पंजाब सरकार के साथ संयुक्त रूप से इस समारोह को आयोजित करने के लिए बनी समन्वय समिति की सदस्य जगीर कौर ने कहा, ‘‘(अलग) पंडाल स्थापित किया जाएगा।

वहां सजावट, रोशनी और ध्वनि प्रणाली की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी।’’ गुरु नानक देव के 550 वें प्रकाश पर्व के संयुक्त आयोजन के मामले में पंजाब सरकार और एसजीपीसी आपस में भिड़ गए हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन अगले महीने होना है। एसजीपीसी ने कपूरथला जिले के सुलतानपुर लोधी में गुरुद्वारा बेर साहिब के निकट स्थित स्टेडियम में मुख्य कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय किया है जबकि राज्य सरकार वहां बनने वाले ‘तंबुओं के शहर’ में कार्यक्रम आयोजित करना चाहती है।

संयुक्त समारोहों के लिए राज्य सरकार के प्रतिनिधियों और एसजीपीसी के बीच बैठक बेनतीजा रही। कौर ने कहा कि एसजीपीसी हमेशा से धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करती रही है और राज्य सरकार को उसके मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को सड़क चौड़ी करने जैसी बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि श्रद्धालुओं को कठिनाई नहीं हो।’’ कौर ने कहा, ‘‘उन्हें (पंजाब सरकार को) अलग समारोह आयोजित करने की क्या जरूरत है।’’ कौर ने हालांकि, उम्मीद जतायी कि राज्य सरकार गुरु नानक देव के 550 वें प्रकाश पर्व के मौके पर अलग समारोह का आयोजन नहीं करेगी और एसजीपीसी के समारोह का समर्थन करेगी। समन्वय समिति में राज्य सरकार के प्रतिनिधि चन्नी ने सुखबीर सिंह बादल की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वह अकाल तख्त के जत्थेदार पर ऐसे आदेश जारी करने के लिए दवाब बना रहे हैं कि जो राज्य सरकार को समारोह आयोजित करने से रोके।

चन्नी ने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने यह पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह गुरुद्वारा के अंदर एसजीपीसी की ओर से आयोजित होने वाले समारोहों में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी जबकि राज्य सरकार गुरुद्वारों के दायरे से बाहर होने वाले कार्यक्रमों का ध्यान रखेगी।’’ मंत्री ने कहा कि एसजीपीसी की ओर से इस मौके पर अलग से समारोह आयोजित करने के लिए ‘भारी धन राशि’ खर्च करने का उद्देश्य शिरोमणि अकाली दल के राजनीतिक हितों को आगे बढ़ाना है। उन्होंने आरोप लगाया कि कि एसजीपीसी बादल परिवार के हाथों का एक हथियार मात्र है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि एसजीपीसी अध्यक्ष ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है और सुखबीर सिंह बादल ने प्रकाश पर्व के संयुक्त आयोजन को पटरी से उतारना सुनिश्चित करने के लिए जगीर कौर को सभी अधिकार दे दिये हैं ।

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने समारोहों के लिए सभी प्रबंध और इंतजाम कर लिये हैं। उन्होंने कहा कि और यही कारण है कि वह अकाल तख्त के जत्थेदार से एक बार फिर अपील करते हैं कि वह एसजीपीसी को इसमें शामिल होने के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा दुनिया को एकता का संदेश देने के लिए आयोजित समारोहों में भी सहयोग करने का निर्देश दें। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी इस ऐतिहासिक समारोह का संयुक्त आयोजना करना चाहते हैं । दूसरी ओर समन्वय समिति में राज्य सरकार के प्रतिनिधि एवं पंजाब सरकार के मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने एसजीपीसी पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि शीर्ष गुरूद्वारा निकाय संयुक्त रूप से समारोह का आयोजन करना कभी नहीं चाहता था। रंधावा ने आरोप लगाया, ‘‘वे (एसजीपीसी) बादल परिवार के इशारे पर काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने एसजीपीसी पर हमला करते हुए कहा कि यह राज्य सरकार को मूर्ख बनाने का प्रयास कर रही है। गुरु नानक देव के 550 वें प्रकाश पर्व पर आयोजित होने वाले समारोह के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और एसजीपीसी के साथ शिअद नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अलग अलग न्योता दिया है। 

Web Title: 550th Prakash Parv celebrations of Guru Nanak Dev: the possibility of a joint ceremony faded

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