दिल्ली में जुलाई अंत तक 5.5 लाख नहीं होगी कोविड-19 संक्रमितों की संख्या, दिल्ली सरकार की एक कमेटी प्रमुख ने जताया अनुमान
By भाषा | Published: July 1, 2020 11:08 PM2020-07-01T23:08:11+5:302020-07-01T23:08:11+5:30
हाल ही में दिल्ली सरकार की एक समिति ने कहा था कि दिल्ली में जून अंत तक एक लाख और जुलाई के अंत तक 5.5 लाख कोविड-19 के मामले होंगे।
नई दिल्ली।कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए अस्पतालों की तैयारियों को बेहतर करने के वास्ते गठित दिल्ली सरकार की एक कमेटी के प्रमुख महेश वर्मा ने बुधवार को कहा कि शहर में जुलाई अंत तक कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या साढ़े पांच लाख के अनुमान तक शायद नहीं पहुंचेगी, लेकिन यह देखना होगा कि मॉनसून में वायरस का क्या असर होता है।
वर्मा ने हालांकि कहा कि कोई नया पूर्वानुमान देने से पहले अगले कुछ दिनों तक मामलों की संख्या पर गौर करने की जरूरत है। दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य से जुड़ी आधारभूत संरचना और अस्पतालों को लेकर बेहतर तैयारी करने के लिए पिछले महीने पांच सदस्यीय कमेटी बनायी है। वर्मा इस समिति का हिस्सा हैं।
समिति ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में जून के अंत तक संक्रमण के एक लाख मामले होंगे और जुलाई के अंत तक मामलों की संख्या बढ़कर 5.5 लाख हो जाएगी। वर्मा ने कहा कि मौजूदा परिदृश्य के आधार पर ऐसा नहीं लगता कि दिल्ली में जुलाई के अंत तक साढ़े पांच लाख मामले होंगे।
मानसून में देखना होगा कोरोना का प्रभाव
उन्होंने कहा, “लेकिन अब मॉनसून का मौसम है। हमें नहीं पता कि इस मौसम में इसका प्रभाव कैसा होगा क्योंकि यह नया वायरस है। पूर्व में, हम कहते थे कि यह गर्मियों में चला जाएगा, लेकिन यह नहीं गया।” वर्मा ने कहा, ‘‘मॉनसून में वायरल बीमारी फैलती है । हमें यह नहीं पता है कि कोरोना वायरस का क्या असर पड़ेगा। यह देखने के लिए कुछ दिन इंतजार करना होगा कि संक्रमण की संख्या यह गिरावट अस्थायी है या इसमें बढ़ोतरी होगी।’’
7 दिन तक 3 हजार से ज्यादा मामले सामने आए
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक 13 से 27 जून के बीच सात दिन ऐसे रहे जब संक्रमण के प्रतिदिन 3,000 से ज्यादा मामले आए । हालांकि 27 जून के बाद संक्रमितों की संख्या घटने लगी। आंकड़ों के मुताबिक 29 जून को 2084 मामले आए जबकि अगले दिन 2199 मामले आए। वर्मा ने कहा, ‘‘मामलों में गिरावट के तीन-चार ही दिन हुए हैं। कुछ दिनों तक हमें संख्या पर नजर रखनी होगी । इसके बाद ही अनुमान लगाया जा सकेगा । हमारा अनुमान था कि जून अंत तक करीब एक लाख मामले होंगे लेकिन करीब 65000 मामले आए। एक नया रूझान विकसित हो रहा है।’’
मामलों में बढ़ोतरी के कारण लोग हो गए हैं सतर्क
गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के कुलपति वर्मा ने कहा कि मामलों में बढ़ोतरी के कारण लोग सतर्क हो गए और जांच भी बढ़ा दी गयी। संक्रमण के मामलों के तेजी से बढ़ने पर दिल्ली ने जांच बढ़ा दी थी और खास तौर पर जब रैपिड एंटीजन जांच प्रणाली की मंजूरी मिली। उन्होंने कहा कि शनिवार से शुरू हुआ सीरोलॉजिकल सर्वे के भी कुछ नतीजे आएंगे।