कच्चे माल की कीमतों में कटौती की मांग पर कोयंबटूर में 50,000 एमएसएमई ने कामकाज बंद रखा
By भाषा | Updated: December 20, 2021 18:51 IST2021-12-20T18:51:06+5:302021-12-20T18:51:06+5:30

कच्चे माल की कीमतों में कटौती की मांग पर कोयंबटूर में 50,000 एमएसएमई ने कामकाज बंद रखा
कोयंबटूर/इरोड (तमिलनाडु), 20 दिसंबर विभिन्न उद्योगों में उपयोग किये जाने वाले कच्चे माल की आसमान छूती कीमतों के प्रति प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करने के लिए कोयंबटूर जिले के करीब 50,000 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) ने सोमवार को अपना कामकाज बंद रखा।
उद्योग सूत्रों ने बताया कि एक दिन कामकाज बंद होने से 1500 करोड़ रूपये के उत्पादन नुकसान हुआ है क्योंकि ये उद्योग दोपहिया से लेकर छह पहिया वाहनों, मोटर एवं पंप के कल-पुर्जे, रक्षा एवं नौसेना क्षेत्रों के उपकरणों और प्लास्टिक उद्योगों से जुड़ी चीजों का विनिर्माण करते हैं।
तमिलनाडु एसोसिएशन ऑफ कॉटेज एंड टाइनी इंटरप्राइजेज के अध्यक्ष जे. जेम्स ने कहा कि कच्चे माल की कीमतें पिछले एक साल से लगातार बढ़ती जा रही हैं, उनके मूल्य 40 से 70 फीसद तक बढ़ गये हैं तथा कुछ के तो शत-प्रतिशत दाम बढ़ गये हैं, जिसके फलस्वरूप ज्यादातर उद्योगों में नौकरियां घट गयी हैं तथा 40 औद्योगिक संघों ने अखिल भारतीय एमएसएमई एसोसिएशन परिषद के राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आह्वान का समर्थन किया है।
पीलामेडू, सिडको,किनाथुकावू, थुडियालुर जैसे बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में दिन भर हड़ताल के चलते सन्नाटा पसरा रहा।
जेम्स ने कहा कि कच्चे माल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने के अलावा केंद्र सरकार को विभिन्न कच्चे माल की दर तय करने के लिए एक समिति बनानी चाहिए।
फेडरेशन ऑफ तमिलनाडु मर्चेंट्स एसोसिएशन ने भी इरोड के जिलाधिकारी एच कृष्णनुन्नी को एक ज्ञापन सौंपा और उनसे कपड़ा -प्रिटिंग, चमड़ा, प्लास्टिक एवं खाद्योत्पाद के कच्चे मालों के दामों को घटाने के वास्ते कदम उठाने के लिए उसकी ओर से तमिलनाडु सरकार का प्रतिनिधित्व करने की मांग की।
अपने ज्ञापन में एसोसिएशन ने कहा कि अल्पावधि में कपड़ा एवं अन्य उद्योगों के कच्चे मालों के दाम बढ़ गये हैं जिससे वे अपना धंधा नहीं चला पा रहे हैं।
उसने कहा कि इसके अलावा केंद्र सरकार ने कपड़ा उत्पादों पर जीएसटी पांच फीसद से बढ़ाकर 10 फीसद कर दिया है जिससे कपड़ा उद्योग पर असर पड़ेगा।
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