आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए मेडिकल कॉलेजों में आरक्षित होंगी 4800 सीटें
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 13, 2019 08:01 AM2019-07-13T08:01:25+5:302019-07-13T08:01:25+5:30
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान मोहम्मद जावेद, पिनाकी मिश्रा, अधीर रंजन चौधरी और कुछ अन्य सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर में हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद 92 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का फैसला हुआ
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मंगलवार को कहा कि देश के मेडिकल कॉलेजों में इस साल से करीब 4800 सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए आरक्षित होंगी.
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान मोहम्मद जावेद, पिनाकी मिश्रा, अधीर रंजन चौधरी और कुछ अन्य सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर में हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद 92 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का फैसला हुआ और कई मेडिकल कॉलेज खुल भी चुके हैं. पिछले तीन वर्षों में एमबीबीएस की सीटों में 15000 की बढ़ोत्तरी हुई है.
यह पूछे जाने पर कि क्या आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को मिले आरक्षण के आधार पर मेडिकल कॉलेजों में सीटें तय हुई हैं तो हर्षवर्धन ने कहा कि करीब 4800 सीटें आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के बच्चों के लिए तय हुई हैं. एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि सरकार विभिन्न स्तरों पर कैंसर अनुसंधान और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को बढ़ावा देने का पूरा प्रयास कर रही है.
कैंसर से जुड़े पूरक प्रश्न पूछे जाने के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि यह बहुत गंभीर विषय है जिस पर आगे सदन में चर्चा कराई जाएगी.
देश में 19.47 लाख डॉक्टर
सरकार केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि देश में इस मार्च के आखिर तक एलोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी के कुल 19.47 लाख डॉक्टर हैं.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शून्यकाल के दौरान कहा कि राज्य चिकित्सा परिषदों/भारतीय चिकित्सा परिषद के 1159309 एलोपैथिक डॉक्टर पंजीकृत हैं. उन्होंने कहा कि सेवा में उपलब्ध एलोपैथी डॉक्टरों की संख्या 9.27 लाख होने का अनुमान है. मंत्री ने कहा कि देश की सभी प्रमुख चिकित्सा विधाओं के चिकित्सकों की कुल संख्या 1947309 है.