राकेश टिकैत का ऐलान, सरकार नहीं सुनेगी किसानों की बात, तो देश भर के अन्नदाता करेंगे संसद घेराव
By अनुराग आनंद | Published: February 24, 2021 09:11 AM2021-02-24T09:11:19+5:302021-02-24T09:14:24+5:30
राजस्थान के सीकर में संयुक्त किसान मोर्चा के किसान महापंचायत में बोलते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि अगर काले कृषि कानूनों को निरस्त नहीं किया गया तो प्रदर्शनकारी किसान संसद का घेराव करेंगे।
सीकर: किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को तीन नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जोरदार हमला किया। राजस्थान के सीकर में आयोजित एक किसान महासभा में किसानों की भारी भीड़ को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को संसद घेराव की भी चेतावनी दी।
टाइम्स नाऊ के मुताबिक, राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों की बातें मानने के लिए नहीं तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार यदि इन काले कानूनों को रद्द नहीं करती है, तो लगभग तीन महीने से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान संसद का घेराव करने के लिए बाध्य हो जाएंगे।
सीकर में संयुक्त किसान मोर्चा के किसान महापंचायत में किसानों की भारी भीड़ को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने ये बातें कही है। राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार अगर किसानों की बात को ऐसे नजरअंदाज करते रही तो इस बार कॉल संसद घेराव के लिए होगी।
राकेश टिकैत का ऐलान, 40 लाख ट्रैक्टर संसद घेराव के लिए दिल्ली कूच करेंगे
उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के दिल्ली की ओर मार्च करने की घोषणा के बाद चार लाख ट्रैक्टरों के बजाय 40 लाख ट्रैक्टर संसद घेराव के लिए दिल्ली कूच करेंगे। साथ ही राकेश टिकैत ने किसानों से 'दिल्ली मार्च' के लिए तैयार रहने का भी आग्रह किया।
टिकैत ने कहा कि इसके लिए किसी भी समय संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से ऐलान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि संसद के घेराव की तारीख संयुक्त मोर्चा के नेताओं द्वारा तय की जाएगी।
राकेश टिकैत बोले, सरकार किसानों को मजबूर न करे, किसानों से बात करे-
किसान नेता ने कहा कि सरकार किसानों को मजबूर न करे, किसानों से बात करे। यदि ऐसा नहीं हुआ तो किसान इंडिया गेट के पास फसलें उगाएंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 26 जनवरी को उनकी ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों की छवि धूमिल करने की साजिश रची गई थी, जिसकी वजह से राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा भड़क गई थी।
उन्होंने कहा कि देश के किसान तिरंगे से प्यार करते हैं, लेकिन इस देश वर्तमान नेताओं से किसानों को अब कोई प्यार नहीं है। बता दें कि किसान अपनी बात को मनवाने के लिए अहिंसक तरह से बीते 3 माह से दिल्ली से सटे कई बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन में अब तक 250 से अधिक किसानों की मौत की खबर है।
किसानों ने 23 फरवरी को भगत सिंह शहीदी दिवस पर मनाया पगड़ी संभाल दिवस-
इस बीच किसानों ने 23 फरवरी को पगड़ी संभाल दिवस मनाया। इस मौके पर कुंडली बॉर्डर पर शहीद भगत सिंह के भतीजे अभय संधू अपने परिवार के साथ पहुंचे थे। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने 23 मार्च तक किसानों की मांगें नहीं मानी तो वह आमरण अनशन शुरू कर देंगे। 23 मार्च शहीद भगत सिंह का शहीदी दिवस है।
आंदोलनरत किसानों ने मंगलवार को कुंडली बॉर्डर समेत अन्य जगहों पर पगड़ी संभाल दिवस मनाया। इस दौरान किसानों ने शहीद भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह और किसान आंदोलन के पुरातन पुरोधा स्वामी सहजानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि दी।