36 राफेल लड़ाकू विमान पर्याप्त नहीं, वायु सेना प्रमुख भदौरिया बोले- सुखोई 30, अस्त्र मिसाइल व मिग-29 की जरूरत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 29, 2020 02:25 PM2020-02-29T14:25:47+5:302020-02-29T14:25:47+5:30
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने स्वदेश निर्मित शस्त्रों के विकास की जरूरत पर जोर देते हुए भदौरिया ने कहा कि यदि अगले हवाई संघर्ष में वायु सेना द्वारा इस्तेमाल हथियार और मिसाइल स्वदेश निर्मित होते हैं तो पूरा परिदृश्य बदल जाएगा।
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायु सेना में जल्द ही शामिल होने जा रहे 36 राफेल लड़ाकू विमान अकेले वायु सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी नहीं होंगे।
भदौरिया ने कहा कि कम परंपरागत क्षेत्रों में वायु सेना का इस्तेमाल पहले निषिद्ध माना जाता था और इस दिशा में बालाकोट एयर स्ट्राइक से आमूल चूल बदलाव आया। स्वदेश निर्मित शस्त्रों के विकास की जरूरत पर जोर देते हुए भदौरिया ने कहा कि यदि अगले हवाई संघर्ष में वायु सेना द्वारा इस्तेमाल हथियार और मिसाइल स्वदेश निर्मित होते हैं तो पूरा परिदृश्य बदल जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘36 राफेल विमान अकेले वायु सेना की जरूरत को पूरा नहीं करेंगे। हमें वायु शक्ति के बेहतर प्रयोग के लिए सुखोई 30 विमानों पर स्वदेश निर्मित अस्त्र मिसाइल व मिग-29 जैसे अन्य लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल करने की क्षमता की जरूरत है।’’
हालांकि उन्होंने कहा कि मीटियॉर मिसाइल से युक्त 36 राफेल लड़ाकू विमान भारत की वायु क्षमताओं को बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन और भी समाधान चाहिए होंगे। हम वायु सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए केवल राफेल विमानों में मीटियॉर श्रेणी पर निर्भर नहीं रह सकते। अहम होगा कि राफेल पर यह क्षमता अन्य मंचों पर इस तरह की क्षमताओं से पूरी की जाए और हमें इस दिशा में बहुत काम करना होगा।’’
वायु सेना प्रमुख ने यह भी कहा, ‘‘कारगिल के समय हमें दृश्यता से अधिक दूरी तक मिसाइल की क्षमता के मामले में पाकिस्तान की वायु सेना पर बढ़त प्राप्त थी। हमने उसे ऐसे ही जाने दिया और बेहतर क्षमता हासिल करने के लिए अधिग्रहण की प्रक्रिया के लिए डेढ़ दशक लगा।’’