2जी मामला : अदालत ने सीबीआई की ओर से अपील दायर करने के लिए एसपीपी, एएसजी की नियुक्ति को सही बताया
By भाषा | Published: November 24, 2020 08:10 PM2020-11-24T20:10:44+5:302020-11-24T20:10:44+5:30
नयी दिल्ली, 24 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ सीबीआई द्वारा अपील दायर किए जाने के लिए विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) की नियुक्ति को कानून के अनुरुप बताया है।
अदालत ने इस मामले में उच्चतम न्यायालय के 12 मार्च, 2018 के फैसले का संदर्भ लिया जिसमें न्यायालय ने 2जी से जुड़े मुकदमों में अपील के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर के स्थान पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी।
न्यायमूर्ति बृजेश सेठी ने कहा, ‘‘अपील दायर करने की अनुमति लेने के लिए एसपीपी संजीव भंडारी और मुकदमे की सुनवाई प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए एएसजी संजय जैन की नियुक्ति कानून के अनुरुप है।’’
सोमवार को पारित और मंगलवार को उपलब्ध हुए आदेश में न्यायमूर्ति ने कहा, ‘‘माननीय उच्चतम न्यायालय के 12 मार्च, 2018 के आदेश ने... सभी संदेहों को दूर कर दिया है और स्पष्ट किया है कि 2जी मामले में एसपीपी की नियुक्ति सिर्फ विशेष न्यायाधीश के सामने मुकदमे की सुनवाई के लिए की गई थी और केन्द्र सरकार सुनवाई पूरे होने के बाद किसी को भी नियुक्त करने के लिए स्वतंत्र है।’’
अदालत ने 2जी मामले में बरी किए गए आरोपी और कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आसिफ बलवा की अर्जी पर यह आदेश दिया । बलवा ने अपनी अर्जी में कहा था कि सीबीआई ने सीआरपीसी के प्रावधानों के तहत अनिवार्य जरुरतों को पूरा नहीं किया है।
बलवा ने एसपीपी के मुहर के तहत वकील संजय भंडारी के हस्ताक्षर के तहत अपीन दायर किए जाने को भी चुनौती दी है।
बलवा के वकील विजय अग्रवाल ने कहा, ‘‘2जी मामले में एसपीपी की नियुक्ति विशेष अधिसूचना के आधार पर हुई है। पहले सुनवाई के लिए अधिसूचना जारी की गई, जो एसपीपी के रूप में तुषार मेहता की नियुक्ति संबंधी फरवरी 2018 की अधिसूचना का उल्लंघन है।
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