RTI में खुलासा, सीवर की सफाई के दौरान 3 वर्षों में हुई 271 सफाईकर्मियों की मौत

By भाषा | Published: March 8, 2020 05:37 PM2020-03-08T17:37:49+5:302020-03-08T17:37:49+5:30

सफाई कर्मचारी आयोग की ओर से उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 2019 में सीवर की सफाई के दौरान 110 लोगों की मौत हुई।

271 sewage workers killed in 3 years during sewer cleaning, revealed in RTI | RTI में खुलासा, सीवर की सफाई के दौरान 3 वर्षों में हुई 271 सफाईकर्मियों की मौत

डेमो पिक

Highlightsआयोग के आंकड़े के अनुसार तमिलनाडु, हरियाणा और दिल्ली में 31-31 सफाईकर्मियों और महाराष्ट्र में 28 सफाईकर्मियों की मौत हुई। अनुबंध की स्थिति में सरकारें सफाईकर्मियों के हितों का उचित ध्यान नहीं रखतीं।

नयी दिल्ली: सफाईकर्मियों की सुरक्षा से जुड़े तमाम प्रयासों और दावों के बावजूद गत तीन वर्षों में सीवर की सफाई करने के दौरान कुल 271 लोगों की जान चली गई और इनमें से 110 मौतें सिर्फ 2019 में हुई हैं।

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की ओर से सूचना के अधिकार के तहत प्रदान किए गए आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है। आरटीआई आवेदन पीटीआई ‘भाषा’ द्वारा दायर किया गया था।

आयोग के अध्यक्ष मनहर वालजीभाई जाला का कहना है कि सफाई के लिए आधुनकि मशीनों की सुविधाएं नहीं होने और ज्यादातर जगहों पर अनुबंध की व्यवस्था होने से सफाईकर्मियों की मौतें हो रही हैं।

सफाई कर्मचारी आयोग की ओर से उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 2019 में सीवर की सफाई के दौरान 110 लोगों की मौत हुई। इसी तरह 2018 में 68 और 2017 में 193 मौतें हुईं।

प्रदेश स्तर पर सफाईकर्मियों की काम के दौरान हुई मौत के आंकड़े की बात करें तो गत तीन वर्षों में सबसे ज्यादा 50 मौतें उत्तर प्रदेश में हुई हैं। आयोग के आंकड़े के अनुसार तमिलनाडु, हरियाणा और दिल्ली में 31-31 सफाईकर्मियों और महाराष्ट्र में 28 सफाईकर्मियों की मौत हुई।

सीवर में सफाईकर्मियों की मौत के बारे में पूछे जाने पर आयोग के अध्यक्ष जाला ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, 'इन मौतों की मुख्य वजहें यांत्रिकी के इस्तेमाल की सुविधाएं नहीं होना और ज्यादातर राज्यों में अनुबंध के आधार पर सफाईकर्मियों को रखा जाना है। अनुबंध की स्थिति में सरकारें सफाईकर्मियों के हितों का उचित ध्यान नहीं रखतीं।' 

उन्होंने कहा, 'हमारे बार-बार आग्रह करने पर दिल्ली और हरियाणा जैसे कुछ राज्यों ने सीवर की सफाई के लिए मशीनों का इस्तेमाल शुरू किया है। सभी राज्यों को ऐसी कोशिश करनी होगी।' दूसरी तरफ, सफाईकर्मियों के कल्याण के लिए काम करने वाले संगठनों का कहना है कि सीवर में सफाई के दौरान होने वाली मौतों का आकंड़ा इससे कहीं ज्यादा है क्योंकि दूरदराज के इलाकों से बहुत सारे मामलों की रिपोर्ट नहीं होती।

'सफाई कर्मचारी आंदोलन' के प्रमुख और ‘रैमन मैगसायसाय पुरस्कार विजेता’ बेजवाड़ा विल्सन ने कहा, 'सीवर में मौतों के ये वो आकंड़े हैं जो रिपोर्ट हुए हैं। हमारा मानना है कि यह संख्या इससे कहीं ज्यादा है।' गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय की ओर से मार्च, 2014 में दिए गए एक आदेश के मुताबिक सीवर में मौत होने पर सम्बन्धित परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता दी जाए।

विल्सन का कहना है कि इस आदेश के बावजूद लोगों को सहायता राशि मिलने और पुनर्वास में काफी दिक्कत होती है क्योंकि सरकारों की प्राथमिकता में सफाईकर्मी नजर नहीं आते।

Web Title: 271 sewage workers killed in 3 years during sewer cleaning, revealed in RTI

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