27 अप्रैल का इतिहास: बाबर बना था दिल्ली का सुलतान, इन बड़ी घटनाओं का भी गवाह रहा है आज का दिन
By भाषा | Published: April 27, 2020 07:30 AM2020-04-27T07:30:04+5:302020-04-27T07:30:04+5:30
27 अप्रैल का इतिहास: आज का दिन कई बड़ी घटनाओं का गवाह रहा है। भारत के लिहाज से इसमें सबसे खास मुगल शासकों से जुड़़ी तीन बड़ी घटनाएं हैं।
साल के चौथे महीने का यह 27वां दिन कई छोटी बड़ी घटनाओं का गवाह रहा है। इनमें कुछ इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गईं तो कुछ भुला दी गईं। भारत में मुगल सल्तनत के इतिहास में 27 अप्रैल का खास महत्व है। इस दिन मुगल शासकों से जुड़़ी तीन बड़ी घटनाएं इतिहास का हिस्सा बनीं। 1526 में 27 अप्रैल के दिन ही बाबर ने दिल्ली का तख्तो ताज संभाला था।
वहीं, 1606 में बादशाह जहांगीर ने आज ही के दिन बगावत पर उतरे अपने पुत्र खुसरो को गिरफ्तार किया और 1748 में एक बार फिर वह 27 अप्रैल का ही दिन था जब मुगल बादशाह मोहम्मद शाह का निधन हुआ। देश दुनिया के इतिहास में 27 अप्रैल की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1526: बाबर दिल्ली का सुलतान बना।
1606: शहजादा खुसरो को बादशाह जहांगीर ने गिरफ्तार किया। खुसरो ने 6 अप्रैल को बगावत का ऐलान किया था।
1662: नीदरलैंड और फ्रांस ने सैन्य संधि पर हस्ताक्षर किए।
1748: मुगल बादशाह मोहम्मद शाह का निधन।
1848: कलकत्ता विश्वविद्यालय ने महिलाओं को विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में पात्रता के लिए पहली मंजूरी दी।
1912 : सशक्त हावभाव, चेहरे पर बच्चों जैसी मुस्कुराहट, जिंदगी से भरपूर, रंगमंच और फिल्मों की महान अदाकारा जोहरा सहगल का जन्म।
1945: दूसरे विश्व युद्ध में नाजी नेता हिटलर की सेनाओं के खिलाफ अमेरिका, ब्रिटेन और सोवियत संघ की सेनाओं ने मिलकर मोर्चा बांधा। जर्मनी में एल्बे नदी के किनारे अमेरिका और सोवियत संघ की सेनाओं के बीच पहली मुलाक़ात।
1960: नयी दिल्ली में नेशनल डिफेंस कालेज की शुरुआत।
1961: सियरा लिओन की आजादी का दिन। यह पश्चिम अफ्रीकी देश तकरीबन डेढ़ सौ साल तक ब्रिटेन के अधीन रहा। आधी रात को हरी, सफ़ेद और नीली पट्टियों वाला देश का ध्वज फहराया गया।
1967: अमेरिका ने नेवादा परीक्षण स्थल पर परमाणु परीक्षण किया।
1972: अंतरिक्ष यान 'अपोलो 16' पृथ्वी पर वापस लौटा।
1989 : बांग्लादेश में तूफान से 500 लोगों की मौत।
1993 : अफगानिस्तानी विमान 'एएनएस 32' दुर्घटनाग्रस्त होने से 76 लोगों की मौत।