26/11 हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए विदेश मंत्री जयंशंकर ने कहा, "हमारा मकसद आतंकवादियों को न्याय के कठघरे में खड़ा करना"

By आकाश चौरसिया | Published: November 26, 2023 11:49 AM2023-11-26T11:49:08+5:302023-11-26T11:59:06+5:30

इसके साथ ही एक्स पर उन्होंने कहा, "26/11 मंबई हमले के आज लगभग 15 साल हो गए हैं। इस मौके पर भयावह कृत्यों को अंजाम देने वालों के खिलाफ ऐसी योजना बनाने की जिम्मेदारी हमारी है और उन्हें लागू भी उसी करना है, जिससे उन सभी लोगों को न्याय मिल सके, जिन्होंने अपने किसी को खोया। यह कोशिश तब तक जारी रहेगी, जब तक उन्हें न्याय न मिल जाए और आगे ऐसी कोई वारदात न होने पाए।"  

26/11 attacks External Affairs Minister Jaishankar said Our aim is to bring the terrorists to justice | 26/11 हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए विदेश मंत्री जयंशंकर ने कहा, "हमारा मकसद आतंकवादियों को न्याय के कठघरे में खड़ा करना"

फोटो क्रेडिट- (एक्स)

Highlightsहमारा मकसद सभी आतंकवादियों को अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाना- केंद्रीय विदेश मंत्रीआज 26/11 मंबई हमले के आज लगभग 15 साल हो गए हैंहमले में 166 लोगों ने अपनी जान गंवाई, जिसको आज भी याद कर सहम जाते हैं मुंबई वासी

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को 26/11 हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए कहा, यह बहुत भयावह कार्य था। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हमारा मकसद है उन सभी आतंकवादियों को अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने का हमारा प्रयास जारी है।"  

इसके साथ ही एक्स पर उन्होंने कहा, "26/11 मंबई हमले के आज लगभग 15 साल हो गए हैं। इस मौके पर भयावह कृत्यों को अंजाम देने वालों के खिलाफ ऐसी योजना बनाने की जिम्मेदारी हमारी है और उन्हें लागू भी उसी करना है, जिससे उन सभी लोगों को न्याय मिल सके, जिन्होंने अपने किसी को खोया। यह कोशिश तब तक जारी रहेगी, जब तक उन्हें न्याय न मिल जाए और आगे ऐसी कोई वारदात न होने पाए।"  

26 नवंबर, 2008 को 10 आतंकवादी नांव के जरिए समुद्र के रास्ते भारत में घुसे थे। फिर, देश की आर्थिक राजधानी में मौत का सिलसिला शुरू हुआ, जो अगले 4 दिन तक चला। ये सभी पाकिस्तान में बेस्ड लश्कर-ए-तय्यबा के आतंवादी रहे। 

हमले के मद्दनेजर 4 दिनों तक मुंबई को पूरी तरह से सीज़ कर दिया गया था, जिसमें 166 भारतीय नागरिकों और कुछ विदेशियों की भा जान गई। वहीं, हमलावरों का निशाना वे सभी जगह जहां पर आम लोगों की भीड़ भारी मात्रा में रहती है, जिसे देखते ही मुंबई टर्मिनल, ऑबरॉय, ताज होटल और नरिमन हाउस जैसी जगहों को आतंवादियों ने अपना टारगेट बनाया। 

आखिर में कमांडो को मोहम्मद अजमल कसाब को सीएसटी से पकड़ने में कामयाबी हाथ लगी, जहां उसने पुलिस के सामने घुटने टेक दिए थे और दूसरी तरफ कमांडो ने भी मोर्चा संभाल रखा था।

मई, 2010 में कसाब कसाब को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई और उसे पुणे की जेल में दो साल बाद कड़ी सुरक्षा के बीच फांसी दे दी गई। 

Web Title: 26/11 attacks External Affairs Minister Jaishankar said Our aim is to bring the terrorists to justice

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