26/11 हमले का आतंकी अजमल कसाब को हिंदू के तौर पर मरवाना चाहता था ISI, पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर ने किया किताब में खुलासा
By धीरज पाल | Published: February 18, 2020 05:22 PM2020-02-18T17:22:27+5:302020-02-18T17:22:27+5:30
26 नवंबर 2011 में हुए मुंबई हमले के दोषी आतंकवादी अजमल कसाब को 6 मई, 2010 को विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। इस दौरान राकेश मारिया मुंबई के कमिश्नर थे।
मुंबई आतंकी हमले (26/11) का आतंकी अजमल कसाब को लेकर पूर्व मुंबई कमिश्नर राकेश मारिया ने बड़ा खुलासा किया है। मारिया ने अपनी एक किताब लेट मी से इट नॉउ (Let Me Say It Now) में बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई 26/11 हमले को हिंदू आतंकवाद का रूप देना चाहता था और अजमल कसाब को एक हिंदू के तौर पर मरवाना चाहता था।
समाचार वेबसाइट न्यूज 18 ने पूर्व मुंबई कमिश्नर की किताब 'Let Me Say It Now' के हवाले से बताया कि मुंबई पर अटैक करने वाले 10 हमलावरों को हिंदू साबित करने के लिए उनके साथ फर्जी आईकार्ड भेजे गए थे। आतंकवादी अजमल कसाब के पास एक ऐसा ही आईडी प्रूफ था जो समीर दिनेश चौधरी के नाम पर था। इसके साथ ही अजमल कसाब की कलाई में एक लाल रंग का धागा भी बंधा था। यह आईडी कार्ड हैदराबाद से लाए गए थे जो जांच के बाद फर्जी साबित हुए।
इसके साथ ही किताब में यह दावा किया गया है कि मुंबई पुलिस अजमल कसाब की तस्वीर नहीं जारी करना चाहती थी। किताब के मुताबिक अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के गैंग को कसाब को मारने की सुपारी मिली थी।
26 नवंबर, 2008 का वह दिन आज भी प्रत्येक देशवासी के रोंगटे खड़े कर देता है, जब देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में दस आतंकवादियों ने घातक हमला किया था।
सुरक्षा बलों ने नौ आतंकवादियों को मार गिराया, जबकि अजमल कसाब को जिंदा पकड़ने में सफलता मिली। हमले में 166 लोग मारे गए थे और सैकड़ों अन्य घायल हुए थे। कसाब को 6 मई, 2010 को विशेष अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी।