माँ-पिता के गोलियों से छलनी शव के पास बैठा मिला था दो साल का बच्चा, भारतीय धाय माँ ने बचाई थी जान

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 27, 2018 07:46 AM2018-11-27T07:46:03+5:302018-11-27T07:48:16+5:30

मोशे उस वक्त उसी इमारत में था. उसकी भारतीय धाय मां सांद्रा सैमुअल ने उसे अपने माता-पिता के गोलियों से छलनी शव के पास बैठे देखा. वह जीवित था और रो रहा था. सांद्रा ने अपनी जान जोखिम में डालकर मोशे को गोद में उठाया और उसे लेकर इमारत से भाग निकलीं. मोशे अब 12 साल का हो चुका है और इजराइल में अपने नाना-नानी के साथ रहता है.

26-11 Mumbai Terror Attack 10th Anniversary: Moshe Holtzberg, The Israeli boy who survived 2008 Mumbai attack | माँ-पिता के गोलियों से छलनी शव के पास बैठा मिला था दो साल का बच्चा, भारतीय धाय माँ ने बचाई थी जान

माँ-पिता के गोलियों से छलनी शव के पास बैठा मिला था दो साल का बच्चा, भारतीय धाय माँ ने बचाई थी जान

येरूशलम: कहते हैं वक्त हर जख्म भर देता है, लेकिन मुंबई में 26/11 आतंकी हमले में बचे दो वर्षीय बच्चे मोशे होल्ट्सबर्ग के दादा रब्बी शिमोन रोसेनबर्ग इस हमले के करीब एक दशक बाद भी दर्द से उबर नहीं पाए हैं. मुंबई के नरीमन हाउस पर हुए हमले में मोशे के माता-पिता को आतंकवादियों ने मार दिया था. 2008 में इसी दिन मोशे अनाथ हो गया था. मुंबई के चबाड़ लुबावित्च यहूदी केंद्र नरीमन हाउस में उसके पिता रब्बी गैवरिएल और पांच माह की गर्भवती मां रिवका को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने चार अन्य बंधकों के साथ मार दिया था.

मोशे उस वक्त उसी इमारत में था. उसकी भारतीय धाय मां सांद्रा सैमुअल ने उसे अपने माता-पिता के गोलियों से छलनी शव के पास बैठे देखा. वह जीवित था और रो रहा था. सांद्रा ने अपनी जान जोखिम में डालकर मोशे को गोद में उठाया और उसे लेकर इमारत से भाग निकलीं. मोशे अब 12 साल का हो चुका है और इजराइल में अपने नाना-नानी के साथ रहता है.

इजराइल सरकार ने 54 वर्षीय सांद्रा को मानद नागरिक के तौर पर सम्मानित किया है. वह येरूशलम में रहती हैं लेकिन हर सप्ताहांत मोशे से मिलने जाती हैं. दुनिया को हिला देने वाले इस आतंकी हमले की 10वीं बरसी पर रोसेनबर्ग ने बताया, ''वो कहते हैं कि समय जख्मों को भर देता है लेकिन हमारे लिए बीते दस सालों में जैसे-जैसे हमनें बच्चे को बड़ा होते हुए देखा है, हमारा दर्द सिर्फ बढ़ा ही ह.''उन्होंने कहा, ''जैसे जैसे मोशे बड़ा हो रहा है और उसका जिज्ञासु दिमाग सवाल उठाता है, हमारे लिए चीजों को संभालना मुश्किल होता जाता है.'' उन्होंने कहा कि जब वह अपने माता-पिता के बारे में पूछता है या यह सवाल करता है कि वह अपने बुजुर्ग नाना-नानी के साथ क्यों रह रहा है तो यह बेहद होता दुखद है.'' रोसेनबर्ग ने कहा, ''हमारी उम्र बढ़ रही है और उसके सवाल बेहद स्वाभाविक हैं.''

Web Title: 26-11 Mumbai Terror Attack 10th Anniversary: Moshe Holtzberg, The Israeli boy who survived 2008 Mumbai attack

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