#21DayLockdown: भाजपा नेता शहनवाज हुसैन ने घर से अदा की जुमे की नमाज, कोरोना वायरस के चलते इमामों ने की थी घर पर रहने की अपील
By गुणातीत ओझा | Published: March 27, 2020 02:54 PM2020-03-27T14:54:04+5:302020-03-27T14:54:04+5:30
देश में 21 दिन के लॉकडाउन के समर्थन में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी मुस्लिमों से अपील की है कि नमाज घर से ही अदा करें। इस कड़ी में पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता शहनवाज हुसैन ने शुक्रवार को घर नमाज अदा की और तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट की है।
कोरोना वायरस के चलते पूरे देश को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन किया गया है। वायरस को फैलने से रोकने के लिए लोगों से अपील की गई है कि घरों में ही रहें। ज्यादा जरूरत हो तभी घर से बाहर निकलें। इस क्रम में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी मुस्लिमों से अपील की है कि नमाज घर से ही अदा करें। इस कड़ी में पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता शहनवाज हुसैन ने शुक्रवार को घर नमाज अदा की और तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट की है।
जामा मस्जिद के शाही इमाम ने की मुस्लिमों से अपील
कोरोना वायरस के संकट से जूझ पूरे देश को सुरक्षित रखने के क्रम में दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम ने मुस्लिमों से अपील की है कि वे अपने घरों में ही रहें। घर से ही नमाज अगा करें और सुरक्षा के लिहाज से हर संभव कदम उठाएं। जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने इससे पहसे एलान किया था कि जुमे की नमाज अदा नहीं की जाएगी। जमीअत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरखद मदनी ने भी अपील की है कि जुमे में जमात की बजाय घर पर ही नमाज पढ़े।
Today, the world is facing a tough challenge of #Coronavirus. It is the time to take all precautionary measures. I appeal to the Muslims to offer all the prayers including Friday prayer from their homes: Shahi Imam of Delhi's Jama Masjid, Syed Ahmed Bukhari pic.twitter.com/UHI8TlQTBr
— ANI (@ANI) March 27, 2020
घाटी में भी घरों से नमाज अदा करने की गुजारिश
कोरोना वायरस को लेकर कश्मीर के ग्रैंड मुफ्ती नासीरुल इस्लाम ने कहा कि कश्मीर एक आपदा की ओर बढ़ रहा है। पूरे कश्मीर में किसी भी मस्जिद या धर्मस्थल में शुक्रवार को जुमे की सामूहिक नमाज़ नहीं होनी चाहिए। सभी मस्जिदों और धर्मस्थलों के प्रबंधन से विनम्र अपील है कि शुक्रवार की नमाज का आयोजन न किया जाए। उन्होंने कहा कि यह हमारी सुरक्षा के लिए है और इस्लाम इसकी अनुमति देता है।