इंदौर: मारपीट में आकाश विजयवर्गीय का साथ देने पर 21 कर्मचारी बर्खास्त
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: June 28, 2019 06:33 AM2019-06-28T06:33:02+5:302019-06-28T06:33:02+5:30
मध्यप्रदेश के इंदौर में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा नगर निगम अधिकारी की बैट से पिटाई मामले में नगर निगम कमिश्नर ने 21 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह ने इन कर्मचारियों को घटना के वक्त आकाश के पक्ष में मूकदर्शक खड़े रहने के मामले में नौकरी से निकाला है.
आयुक्त का मानना है कि इन कर्मचारियों ने विधायक का साथ दिया. आकाश विजयवर्गीय को आज सेशन कोर्ट से भी जमानत नहीं मिली और मामला आज जनप्रतिनिधियों की अदालत में भोपाल भेज दिया है. ननि कर्मचारी सड़क पर उतरे वहीं, भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय की गुंडागर्दी के विरोध में इंदौर नगर निगम में आज कर्मचारियों ने काम ठप किया और कर्मचारी सड़क पर उतर आए हैं. निगम के सभी विभागों के कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ विरोध जताया.
आकाश के उपद्रव में नगर निगम के भी कुछ कर्मचारियों ने साथ दिया. हंगामे में आकाश का साथ देने के कारण नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह ने इन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. निगम आयुक्त द्वारा इन कर्मचारियों की पहचान विभिन्न वीडियो क्लिपिंग के माध्यम से की गई थी. उक्त सभी कर्मचारी किसी न किसी रूप में मारपीट करने वालों में शामिल पाए गए थे. निगमायुक्त ने कहा कि इस तरह का कृत्य करने वाले कर्मचारियों की निगम को कोई जरूरत नहीं है. और भी कर्मचारी अगर इस तरह की हरकतों में लिप्त पाए जाते हैं तो इसकी जांच कर उनकी भी सेवाएं समाप्त की जाएंगी.
उल्लेखनीय है कि आकाश विजयवर्गीय इंदौर 3 से भाजपा विधायक हैं. बुधवार को गंजी कंपाउंड इलाके में नगर निगम की टीम एक जर्जर मकान ढहाने गई थी. लोग इसका विरोध कर रहे थे. उसी दौरान आकाश भी अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंच गए और कार्रवाई का विरोध करने लगे. इस दौरान उन्होंने अधिकारी के साथ क्रिकेट बैट से मारपीट भी की थी. सेशन कोर्ट से भी नहीं मिली जमानत भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को जब कल बुधवार को निचली अदालत से जमानत नहीं मिली तो आज सेशन कोर्ट में उनकी जमानत के लिए वकीलों ने आवेदन दिया. जिस पर सुनवाई करते हुए डीजे कोर्ट ने मामले को एससी-एसटी के विशेष जज बी.के. द्विवेदी के यहां स्थानांतरित कर दिया.
इसके पहले पुलिस ने कोर्ट के समक्ष केस डायरी पेश की. वहीं, निगम ने सेशन कोर्ट में विधायक के खिलाफ 7 पेज की आपत्ति लगाई. भोजन अवकाश के बाद विशेष जज के यहां इस याचिका पर सुनवाई हुई. निगम की ओर से वकील ने कोर्ट के सामने आपत्ति ली कि यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार भोपाल में जनप्रतिनिधियों (पूर्व विधायक, वर्तमान विधायक और सांसदों) से जुड़े मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत का गठन किया गया है. इस मामले की सुनवाई भोपाल के विशेष न्यायालय में होगी. इस आपत्ति के बाद विशेष जज बी.के. द्विवेदी ने याचिका खारिज कर दी. अब विधायक की जमानत का फैसला भोपाल में होगा.
उधर, पिटाई मामले में जेल पहुंचे भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को बुधवार रात जेल का भोजन ही करना पड़ा. रात 8 बजे विधायक समर्थक उनके लिए भोजन और नाश्ते का सामान लेकर पहुंचे थे, लेकिन जिला जेल अधीक्षक ने सामान देने से इंकार कर दिया. आकाश को मुझ से बात करनी थी: महापौर मालिनी विधायक और निगमकर्मी विवाद को लेकर गुरुवार को महापौर मालिनी गौड़ ने मीडिया से चर्चा की. भाजपा कार्यालय पहुंचीं महापौर ने कहा कि आकाश को मुझ से बात करना थी. वहीं, अधिकारियों के नहीं सुनने पर कुछ नहीं बोलीं.
आकाश की जमानत पर बार-बार निगम अधिकारियों द्वारा आपत्ति लेने के बाद याचिका खारिज होने के मामले में सीधे जवाब नहीं देते हुए कहा, संगठन जो बोलेगा, उस पर काम करूंगी. भाजपा आज देगी धरना पूर्व विधायक और शहर भाजपा अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा ने कहा कि कांग्रेस के इशारे पर आकाश विजयवर्गीय पर कार्रवाई की गई है. भाजपा इस घटना के विरोध में कल शुक्रवार को राजवाड़ा पर धरना प्रदर्शन करेगी. भाजपा विधायक के साथ विवाद की जड़ बने जर्जर मकान को जल्द ढहाएगा