Nirbhaya Case: दोषी विनय शर्मा की दया याचिका पर राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ दायर पीटिशन को SC ने किया खारिज
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 14, 2020 02:31 PM2020-02-14T14:31:20+5:302020-02-14T14:35:23+5:30
विनय शर्मा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उसकी दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा विद्वेषपूर्ण तरीके से खारिज की गयी है। इस दोषी ने अपनी मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने का न्यायालय से अनुरोध किया है।
उच्चतम न्यायालय ने 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के दोषियों में से एक विनय कुमार शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा खारिज किये जाने के खिलाफ दायर याचिका शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई पूरी की। न्यायालय ने इस याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया। इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट से जाहिर होता है कि विनय शर्मा मानसिक रूप से स्वस्थ्य है।
Supreme Court also said in its order, that the medical reports said that Vinay is psychologically fit and his medical condition is stable.
— ANI (@ANI) February 14, 2020
The Apex Court dismissed his petition, finding it devoid of merit. https://t.co/uQEv1iM9OL
विनय शर्मा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उसकी दया याचिका विद्वेषपूर्ण तरीके से खारिज की गयी है। इस दोषी ने अपनी मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने का न्यायालय से अनुरोध किया है। न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने विनय शर्मा की याचिका पर करीब दो घंटे तक सुनवाई के बाद कहा कि इस पर शुक्रवार को अपराह्न दो बजे आदेश सुनाया जायेगा।
2012 Delhi gang-rape case: Supreme Court dismisses the petition of death-row convict Vinay Kumar Sharma challenging the rejection of the mercy petition by President Kovind. pic.twitter.com/0z32vdc9ib
— ANI (@ANI) February 14, 2020
विनय ने अपनी याचिका में दलील दी है कि जेल में ‘कथित यातनाओं और दुर्व्यवहार’ की वजह से वह मानसिक रूप से अस्वस्थ हो गया। शर्मा के वकील ए पी सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति ने विद्वेषपूर्ण तरीके से उनके मुवक्किल की दया याचिका खारिज की है क्योंकि इस मामले से सबंधित सारा रिकार्ड उनके समक्ष नहीं रखा गया था।
सुप्रीम कोर्ट दोषी विनय शर्मा की राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज करने के खिलाफ याचिका पर शुक्रवार को फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पवन की तरफ से बहस करने के लिए पूर्व जज और वरिष्ठ वकील अंजना प्रकाश को एमिकस नियुक्त किया था।
सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने फांसी की सजा पर अमल यानी एक्जीक्यूशन की मंजूरी मांगी थीं। वकील वृंदा ग्रोवर ने मुकेश की ओर से दलील दी थीं। उन्होंने कहा कि अभी कुछ कानूनी बिंदु हैं जिन पर स्पष्टता नहीं है। ग्रोवर ने कहा कि हमें जवाब देने को वक्त मिले। ट्रायल कोर्ट में सुनवाई थी। अक्षय और विनय की ओर से वकील एपी सिंह हैं।
कोर्ट ने पूर्व एएसजी रावल से पूछा कि क्या वे कोर्ट की मदद कर सकते हैं? पवन के पास वकील नहीं है, क्या वे उसकी वकालत करेंगे? इस पर रावल ने असमर्थता जताई थी। संजय हेगड़े ने भी मना किया था। तुषार मेहता और वृंदा ग्रोवर ने अंजना प्रकाश का नाम सुझाया तो कोर्ट ने गौरव अग्रवाल से भी सम्पर्क करने को कहा था।