दोषियों को फांसी की नई तारीख, एक फरवरी को सुबह 6 बजे, नया डेथ वॉरंट जारी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 17, 2020 04:59 PM2020-01-17T16:59:59+5:302020-01-17T17:41:42+5:30
तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दिल्ली की अदालत से निर्भया मामले के चारों दोषियों के खिलाफ मौत की सजा पर अमल का फरमान (डेथ वॉरंट) फिर से जारी करने की शुक्रवार को मांग की थी।
दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चारों दोषियों को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी पर लटकाने के लिए शुक्रवार को नया मृत्य वारंट जारी किया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा मामले के दोषी मुकेश कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे जिसमें फांसी की तारीख को 22 जनवरी से टालने की मांग की गयी थी। आज इससे पहले तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दिल्ली की अदालत से निर्भया मामले के चारों दोषियों के खिलाफ मौत की सजा पर अमल का फरमान (डेथ वॉरंट) फिर से जारी करने की मांग की थी।
लोक अभियोजक इरफान अहमद ने अदालत को बताया कि मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को खारिज कर दी है। पैरामेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा के साथ 16 दिसंबर 2012 की रात को बर्बर सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी। छात्रा की 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में मौत हो गई थी।
निर्भया केस के 4 दोषियों को 1 फरवरी को फांसी दी जाएगी। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वॉरंट जारी किया है। निर्भया कांड के दोषियों के खिलाफ नया मृत्यु वारंट जारी, चारों दोषियों को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी पर लटकाया जाएगा। तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दिल्ली की अदालत से निर्भया मामले के चारों दोषियों के खिलाफ मौत की सजा पर अमल का फरमान (डेथ वॉरंट) फिर से जारी करने की शुक्रवार को मांग की थी।
2012 Delhi gang-rape case: A Delhi court issues fresh death warrant for convicts for 1st February, 6 am pic.twitter.com/hHvXo6Av1d
— ANI (@ANI) January 17, 2020
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने जेल प्रशासन से कहा कि वह अदालत को शाम साढ़े चार बजे तक यह बताएं कि निर्भया मामले के चार दोषियों में से एक मुकेश कुमार सिंह को यह सूचित किया गया है या नहीं कि राष्ट्रपति ने उसकी दया याचिका अस्वीकार कर दी है।
लोक अभियोजक इरफान अहमद ने अदालत को बताया कि मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को अस्वीकार कर दी है। अदालत मामले में मौत की सजा पाए मुकेश कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
इसमें उसने फांसी देने के लिए तय 22 जनवरी की तारीख टालने का अनुरोध किया था। पराचिकित्सा की 23 वर्षीय छात्रा के साथ 16 दिसंबर 2012 में बर्बर सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी। छात्रा की 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में मौत हो गई थी।