हैदराबाद बम ब्लास्ट मामले में कोर्ट ने सुनाई दो आतंकवादियों को मौत की सजा, एक को उम्रकैद

By भाषा | Published: September 10, 2018 08:13 PM2018-09-10T20:13:36+5:302018-09-10T20:13:36+5:30

द्वितीय अतिरिक्त मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायालय के न्यायाधीश (प्रभारी) टी श्रीनिवास राव ने चार सितंबर को 11 साल पुराने मामले में अनीक शफीक सैयद और मोहम्मद अकबर इस्माइल चौधरी को दोषी ठहराया था लेकिन पर्याप्त सबूत ना होने के कारण फारूक शरफुद्दीन तर्कश और मोहम्मद सादिक इसरार अहमद शैक को बरी कर दिया था।

2007 Hyderabad blast case: Two get capital punishment and life term for one | हैदराबाद बम ब्लास्ट मामले में कोर्ट ने सुनाई दो आतंकवादियों को मौत की सजा, एक को उम्रकैद

हैदराबाद बम ब्लास्ट मामले में कोर्ट ने सुनाई दो आतंकवादियों को मौत की सजा, एक को उम्रकैद

हैदराबाद, 10 सितंबर: शहर की एक मेट्रोपॉलिटन अदालत ने 2007 में हुए दोहरे बम विस्फोट के मामले में सोमवार को दो आतंकियों को मौत की सजा और एक आतंकी को उम्रकैद की सजा सुनायी। शहर में 25 अगस्त, 2007 को एक लोकप्रिय रेस्त्रां ‘गोकुल चाट’ और लुम्बिनी पार्क में स्थित एक ओपन एयर थियेटर में दो शक्तिशाली बम विस्फोट हुए थे जिनमें 44 लोग मारे गए थे और 68 घायल हुए थे।

द्वितीय अतिरिक्त मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायालय के न्यायाधीश (प्रभारी) टी श्रीनिवास राव ने चार सितंबर को 11 साल पुराने मामले में अनीक शफीक सैयद और मोहम्मद अकबर इस्माइल चौधरी को दोषी ठहराया था लेकिन पर्याप्त सबूत ना होने के कारण फारूक शरफुद्दीन तर्कश और मोहम्मद सादिक इसरार अहमद शैक को बरी कर दिया था।

सरकारी अभियोजक के सुरेंद्र ने कहा कि सैयद और चौधरी को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) एवं दूसरी संबंधित धाराओं और आतंकवाद रोधी कानून - गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दोषी पाया गया था। अदालत ने दोनों पर अलग अलग मामलों में 10,000-10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

अदालत ने पांचवें आरोपी तारिक अंजुम को सोमवार को दोषी ठहराया और उम्रकैद की सजा दी। उसपर नयी दिल्ली और दूसरी जगहों में कुछ गुनाहगारों को पनाह देने का आरोप था। पुलिस के आरोपपत्र में नामजद तीन और आतंकी - इंडियन मुजाहिदीन का संस्थापक रियाज भटकल, उसका भाई इकबाल और आमिर रजा खान फरार हैं।

समझा जाता है कि कर्नाटक के रहने वाले भटकल भाइयों ने पाकिस्तान में शरण ली हुई है। सुरेंद्र ने फरार आरोपियों को लेकर कहा कि ‘‘वे जब भी पकड़े जाएंगे, उनपर मुकदमा चलेगा।’’

उन्होंने बताया कि अदालत ने विशिष्ट रूप से यह नहीं पाया कि दोषी ठहराए गए आतंकी प्रतिबंधित संगठन इंडियन मुजाहिदीन के सदस्य थे बल्कि यह पाया कि उन्होंने एक समूह का गठन किया और आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया।

Web Title: 2007 Hyderabad blast case: Two get capital punishment and life term for one

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