इंद्राणी बालन फाउंडेशन द्वारा निर्मित इंडियन आर्मी डैगर परिवार स्कूल का पहला वार्षिक दिवस समारोह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 4, 2022 03:34 PM2022-11-04T15:34:26+5:302022-11-04T15:37:28+5:30
कार्यक्रम के अतिथि पुनीत बालन ने इस मौके पर कहा कि भारत के संपन्न सांस्कृतिक इतिहास में कश्मीर की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
1st Annual Day Function Of The Indian Army Dagger Parivaar School: पुणे के इंद्राणी बालन फाउंडेशन निर्मित 'डैगर परिवार स्कूल' बारामूला में उनका पहला वार्षिक दिवस समारोह 01 नवंबर 2022 को मनाया गया। स्कूल बारामूला में विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें विभिन्न मेडिकल कंडिशन वाले 66 बच्चे हैं। सम्मानित अतिथि श्रीमती जान्हवी धारीवाल बालन और श्री पुनीत बालन इन छोटे बच्चों को प्रेरित करने के लिए पुणे से आए थे।
छात्रों ने समूह नृत्य, समूह गीत, एकल नृत्य आदि विभिन्न गतिविधियों पर प्रस्तुति की। माता-पिता और सिविल अधिकारियों द्वारा छात्रों की मनोरम ऊर्जा और उत्साह की प्रशंसा की गई। भारतीय सेना और इंद्राणी बालन फाउंडेशन के संगठन की घाटी में की गयी बेहतरीन पहल को सभी दर्शकों ने खूब सराहा।
श्रीमती जान्हवी धारीवाल बालन और श्री पुनीत बालन स्कूल के कामकाज और डॅगर परिवार स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती साबिया फारूक, द्वारा दी गई प्रथम वर्ष की वार्षिक रिपोर्ट से बहुत प्रभावित हुए। अध्यापकों को उनकी कड़ी मेहनत और छात्रों और स्कूल के प्रती समर्पण के लिए सम्मानित भी किया गया।
वीएसएम, जीओसी 19 इन्फैंट्री डिवीजन के मेजर जनरल अजय चांदपुरिया, ने इस अवसर पर बच्चों के माता-पिता के साथ बातचीत की और स्थानीय आबादी के विकास के लिए भारतीय सेना के समर्थन की सराहना की।
कार्यक्रम में पुनीत बालन गृप के सीईओ पुनीत बालन ने कहा, 'हमारे देश में विभिन्न प्रकार के संगीत की और कला की संस्कृति है, और कश्मीर की संस्कृति का इतिहास इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमें यह देखकर खुशी होती है कि कैसे इन बच्चों ने अपनी प्रस्तुतियों में आज देश की पूरी समृद्ध संस्कृति का प्रदर्शन किया।
इस कार्यक्रम को बारामूला के विभिन्न प्रशासनिक कार्यालयों द्वारा डिप्टी कलेक्ट्रेट, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, बारामूला और शिक्षा विभाग, बारामूला को शामिल करने के लिए समर्थन और प्रोत्साहित किया गया था। इस कार्यक्रम की स्कूल जाने वाले बच्चों के माता-पिता द्वारा गहराई से प्रशंसा की गई और हर तरह से स्थानीय आबादी का समर्थन करने के भारतीय सेना के संकल्प पर लोगों के विश्वास को और मजबूत किया गया।