असम: BJP सांसद के बेटी समेत 19 गिरफ्तार, घूस लेकर सरकारी नौकरी दिलाने का आरोप
By भारती द्विवेदी | Published: July 18, 2018 07:35 PM2018-07-18T19:35:39+5:302018-07-18T19:35:39+5:30
असम लोक सेवा आयोग की ये परीक्षा साल 2016 में आयोजित किया गया था।
नई दिल्ली, 18 जुलाई: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद राम प्रसाद शर्मा के बेटी पल्लवी समेत समेत 19 सरकारी अफसरों को गिरफ्तार किया गया है। इन सबको असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) में नौकरी के लिए नकदी घोटाले में गिरफ्तार किया है। सांसद आरपी शर्मा की बेटी पल्लवी शर्मा खुद एक पुलिस अधिकारी हैं। असम लोक सेवा आयोग की ये परीक्षा साल 2016 में आयोजित किया गया था। 2016 में हुए असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) की परीक्षा में उत्तर पुस्तिका में उनकी हैंडराइटिंग नहीं मिलने के कारण इन लोगों को गिरफ्तार किया गया।
डिब्रूगढ़ के पुलिस अधीक्षक गौतम बोरा ने कहा कि 19 अधिकारियों की हैंडराइटिंग का उनके उत्तर पत्र से मिलान नहीं हुआ जिन्हें पहले फोरेंसिक जांच में फर्जी पाया गया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को गुवाहाटी में गिरफ्तार किया गया। राकेश पाल जब एपीएससी के अध्यक्ष थे उस समय आयोजित परीक्षा में 19 अधिकारियों का चयन हुआ था। पाल और आयोग के तीन अन्य अधिकारियों को नौकरी के बदले नकदी मामले में कथित तौर पर संलिप्तता के लिए 2016 में गिरफ्तार किया गया था।
पाल ने बताया कि गिरफ्तार अधिकारियों में 13 एसीएस , तीन एपीएस और तीन सहायक सेवाओं के अधिकारी शामिल हैं। पुलिस ने इससे पहले पाल , एपीएससी सदस्य समेदुर रहमान और बसंत कुमार डोले तथा सहायक परीक्षा नियंत्रक पबित्र कैबराता सहित 35 लोगों को गिरफ्तार किया था। इससे पहले असम सरकार ने इस वर्ष 21 जून को राज्य सिविल सेवा के 13 अधिकारियों को नौकरी के बदले नकदी मामले में कथित संलिप्तता के लिए नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। बर्खास्त अधिकारी पिछले वर्ष नवम्बर में जब प्रोबेशन पर थे उसी वक्त उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और वर्तमान में वे गुवाहाटी केंद्रीय कारागार में बंद हैं।
बता दें कि असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) में नौकरी के लिए नकदी घोटाले में असम पुलिस ने 16 जुलाई को बीजेपी सांसद आरपी शर्मा की पुत्री पल्लवी शर्मा समेत 19 सरकारी अधिकारियों को समन जारी किया था। मामले की जांच कर रही डिब्रूगढ़ पुलिस ने 18 जुलाई को सभी अधिकारियों को फॉरेंसिक जांच के लिए अपनी हैंडराइटिंग के नमूने देने के विशेष शाखा के मुख्यालय में हाजिर किया था। इन सब पर आरोप है कि असम लोक सेवा आयोग के कुछ अधिकारियों ने उच्च सरकारी पदों पर नियुक्ति के लिए बड़े पैमाने पर रिश्वत ली थी। रिश्वत लेने का ये सिलसिला कई सालों तक चला था।
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