1768 करोड़ रुपए का गबन, ईडी ने हैदराबाद में दो को अरेस्ट किया, जानिए क्या है मामला
By भाषा | Published: January 15, 2020 05:09 PM2020-01-15T17:09:22+5:302020-01-15T17:09:22+5:30
आरोपी के विरुद्ध सीबीआई द्वारा दर्ज तीन प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन कानून के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया। ईडी ने कहा कि राजू ने 315 लोगों को अवैध रूप से जमीन के प्लॉट बेचकर एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत अपने सहयोगियों के साथ बैंकों को चूना लगाने की साजिश रची थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने धन शोधन के एक मामले में हैदराबाद में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जिसके तार 1,700 करोड़ रुपए के बैंक कर्ज में हुई धोखाधड़ी के एक मामले से जुड़े हैं।
एजेंसी ने एक बयान जारी कर कहा कि लियो मेरीडियन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट एंड होटल लिमिटेड (एलएमआईपीएचएल) के प्रवर्तक जी एस सी राजू और उसके करीबी ए वी प्रसाद को धन शोधन कानून के तहत गिरफ्तार कर ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है।
बयान में कहा गया कि आरोपी ने अन्य लोगों की मिलीभगत से बैंकों के समूह से 1,768 करोड़ रुपये का कर्ज धोखे से लिया था। ईडी ने कहा, “अब तक की जाँच में इस मामले में 33 मुखौटा कंपनियों और चालीस से अधिक ठेकेदारों के नाम सामने आए हैं।”
आरोपी के विरुद्ध सीबीआई द्वारा दर्ज तीन प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन कानून के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया। ईडी ने कहा कि राजू ने 315 लोगों को अवैध रूप से जमीन के प्लॉट बेचकर एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत अपने सहयोगियों के साथ बैंकों को चूना लगाने की साजिश रची थी।
बाद में राजू ने एक रिसॉर्ट परियोजना के लिए कर्ज लेने के उद्देश्य से पहले सी बिकी हुई जमीन के टुकड़ों को बैंकों में गिरवी रखा। बैंकों और प्लाट के मालिकों को धोखा देने के लिए राजस्व दस्तावेजों के साथ भी छेड़छाड़ की गयी।
बाद में एलएमआईपीएचएल के कर्मचारियों के नाम पर मुखौटा कंपनियां बनाकर बैंकों द्वारा दिए गए कर्ज को हड़प लिया गया। जांच में ईडी को फर्जी शेयर पूँजी और बेनामी संपत्ति से संबंधित घोटाले के सबूत भी मिले हैं।