नवोन्मेषी अनुसंधान विचारों के लिए 17 वैज्ञानिकों को स्वर्णजयंती फैलोशिप से सम्मानित किया गया
By भाषा | Updated: November 8, 2021 21:37 IST2021-11-08T21:37:28+5:302021-11-08T21:37:28+5:30

नवोन्मेषी अनुसंधान विचारों के लिए 17 वैज्ञानिकों को स्वर्णजयंती फैलोशिप से सम्मानित किया गया
नयी दिल्ली, आठ नवंबर भारत भर के वैज्ञानिक संस्थानों के 17 वैज्ञानिकों को उनके नवोन्मेषी अनुसंधान विचारों और विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास को प्रभावित करने की उनकी क्षमता को मान्यता देने के लिए स्वर्ण जयंती फैलोशिप से सम्मानित किया गया है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि पुरस्कार के लिए चुने गए वैज्ञानिकों को अनुसंधान योजना में अनुमोदित व्यय के संदर्भ में स्वतंत्रता और लचीलेपन के साथ मुक्त अनुसंधान करने की अनुमति दी जाएगी।
भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए स्वर्ण जयंती फैलोशिप योजना शुरू की गई है।
इस योजना के तहत, पुरस्कार विजेताओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) अनुसंधान के लिए सभी जरूरी सहायता प्रदान करता है जिसमें पांच साल तक प्रति माह 25,000 रुपये की फैलोशिप भी शामिल है।
इसके अलावा, डीएसटी पुरस्कार विजेताओं को पांच साल के लिए पांच लाख रुपये का शोध अनुदान भी देता है।
मंत्रालय ने कहा कि यह उन्हें संस्थान से मिलने वाले वेतन से अलग है। फैलोशिप के अलावा, उपकरण, कम्प्यूटेशनल सुविधाएं, उपभोग्य सामग्री, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय यात्रा व्यय और अन्य विशेष जरूरतों के लिए अनुदान योग्यता के आधार पर दिया जाता है।
यह पुरस्कार पुणे स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के डॉ सिद्धेश एस कामत को लाइफ साइंस के लिए, बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान के डॉ श्रीधरन देवरंजन को लाइफ साइंस के लिए, लखनऊ स्थित सीएसआईआर- केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान के डॉ नितिन गुप्ता को लाइफ साइंस के लिए और खगड़पुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के डॉ मोधु सुदन माजी को रसायन विज्ञान के लिए दिया दिया है। कुल 17 वैज्ञानिकों को यह फैलोशिप दी गई है।
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