कोरोना संकट: एयर इंडिया की स्पेशल फ्लाइट से UAE में फंसे 152 भारतीय नागरिक स्वदेश लौटे, किसी में नहीं मिले कोरोना के लक्षण
By भाषा | Published: July 13, 2020 05:38 AM2020-07-13T05:38:31+5:302020-07-13T05:38:31+5:30
यूएई में फंसे इन 152 भारतीयों की इस विशेष उड़ान के जरिये स्वदेश वापसी हुई जिनमें एक शिशु शामिल है। मालाकार ने बताया कि स्थानीय हवाई अड्डे पर स्क्रीनिंग के दौरान इनमें से किसी भी यात्री में कोविड-19 के लक्षण नहीं मिले हैं।
इंदौरः कोविड-19 महामारी के कारण संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में लम्बे समय से फंसे 152 भारतीय नागरिक एअर इंडिया की विशेष उड़ान से रविवार रात स्वदेश लौट आये। उनमें एक शिशु शामिल है। कोविड-19 की रोकथाम से संबद्ध इंदौर जिले के नोडल अधिकारी अमित मालाकार ने बताया कि कि "वंदे भारत अभियान" के तहत एअर इंडिया का विमान शारजाह से उड़कर भारतीय मानक समय के मुताबिक रात आठ बजकर 40 मिनट पर स्थानीय देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा।
उन्होंने बताया कि यूएई में फंसे इन 152 भारतीयों की इस विशेष उड़ान के जरिये स्वदेश वापसी हुई जिनमें एक शिशु शामिल है। मालाकार ने बताया कि स्थानीय हवाई अड्डे पर स्क्रीनिंग के दौरान इनमें से किसी भी यात्री में कोविड-19 के लक्षण नहीं मिले हैं। हालांकि, सभी 152 यात्रियों को केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार सात दिन तक पृथक-वास केंद्रों में रखा जायेगा। इसके बाद उन्हें सात दिन तक अपने घरों में अन्य सदस्यों से अलग रहना होगा।
उन्होंने बताया कि स्वदेश लौटे इन यात्रियों में इंदौर के लगभग 50 लोग शामिल हैं जिन्हें शहर के एक होटल में बनाये गये पृथक-वास केंद्र में सात दिन के लिये भेजा गया है। इंदौर के बाहर के यात्रियों को उनके मूल निवास स्थानों के लिये रवाना किया गया है।
भारतीय नागरिकों के इस जत्थे की वतन वापसी सुनिश्चित करने में यूएई में बसे भारतवंशियों की भी अहम भूमिका रही जिन्होंने इस खाड़ी देश स्थित भारतीय दूतावास और भारत सरकार से सम्पर्क करते हुए विशेष उड़ान के लिये प्रयास किये।
इनमें शामिल दुबई के कपड़ा कारोबारी चंद्रशेखर भाटिया ने बताया कि शारजाह से इंदौर आयी विशेष उड़ान में करीब 80 प्रतिशत ऐसे यात्री सवार थे जिनकी नौकरी यूएई में कोविड-19 के प्रकोप के कारण चली गयी है। भाटिया ने बताया कि इस उड़ान से स्वदेश लौटे सभी 152 यात्री मूलत: मध्यप्रदेश से ताल्लुक रखते हैं। इनमें बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और अलग-अलग बीमारियों से जूझ रहे लोग शामिल हैं।