पुणे में कोविशील्ड वैक्सीन की 1.24 लाख डोज 38 दिनों के भीतर हो जाएगी एक्सपायर
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 22, 2022 02:58 PM2022-02-22T14:58:59+5:302022-02-22T15:03:15+5:30
पुणे नगर निगम ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए बताया है कि नगरपालिका के अंडर में आने वाले कुल 22 निजी टीकाकरण केंद्रों और अलग-अलग अस्पतालों में पड़ी हुई कोविशील्ड वैक्सीन की 1.24 लाख डोज लगभग एक महीने के भीतर में अलग-अलग समय में एक्सपायर हो जाएंगी।
पुणे: कोरोना महामारी के खिलाफ सबसे कारगर हथियार के तौर पर काम आने वाली कोविशील्ड वैक्सीन की 1.24 लाख डोज 38 दिनों के भीतर एक्सपायर होने वाली हैं।
इस मामले में पुणे नगर निगम ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए बताया है कि नगरपालिका के अंडर में आने वाले कुल 22 निजी टीकाकरण केंद्रों और अलग-अलग अस्पतालों में पड़ी हुई कोविशील्ड वैक्सीन की 1.24 लाख डोज लगभग एक महीने के भीतर में अलग-अलग समय में एक्सपायर हो जाएंगी।
जानकारी के मुताबिक जुपिटर अस्पताल में सबसे ज्यादा डोज एक्सपायर होने का अंदेशा है। बताया जा रहा है कि कुल 1.24 लाख डोज में लगभग 1.09 लाख खुराक अकेले इसी अस्पताल में पड़ी हुई है, जिसके एक्सपपायर होने की तारीख 5 मार्च बताई जा रही है।
इस मामले में अंग्रेजी दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ज्यूपिटर अस्पताल के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने इस संबंध में कहा, "हमारे पास कुल 1.50 लाख डोज थी, जो आगामी 5 मार्च को एक्सपायर हो जाएगी। इनमें से अभी तक हमने कुल 50 डोज का इस्तेमाल किया है। अभी हमारे पास कुल 1,0 9,010 खुराक मौजूद है, जिनका आगामी 5 मार्च तक उपयोग किया जाना जरूरी है, लेकिन इसकी संभावना दिखाई नहीं दे रही है।"
जुपिटर अस्पताल के अलावा वाडिया अस्पताल में भी कोविशील्ड वैक्सीन की लगभग 1,330 डोज पड़ी हुई है, जो अगले 7 दिनों में एक्सपायर हो जाएगी। इसी तरह पुणे के भारती अस्पताल में कोविशील्ड की 886 डोज पड़ी हुई है, जिनकी एक्सपायरी डेट 28 फरवरी है और 1,827 डोज की एक और लॉट 5 मार्च को एक्सपायर हो जाएगी।
नगर निगम के मुताबिक कुछ अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर भी कोविशील्ड का स्टॉक पड़ा है, जिनकी एक्सपायरी डेट महज अगले तीन दिनों के भीतर बताई जा रही है।
इस तरह कोविशील्ड वैक्सीन के भारी स्टॉक के नुकसान के अंदेशे को देखते हुए जिला प्रशासन और अस्पताल के अधिकारियों ने राज्य सरकार के आला अधिकारियों से कहा है कि वह इन टीकों को बर्बाद होने से बचाने की दिशा में तत्काल प्रयास करें और इन्हें कहीं अन्य भेज दें ताकि जरूरतमंद लोगों को वैक्सीन की यह बची हुई डोज को एक्सपायर होने से पहले लगाया जा सके।