Farmers Suicide: महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में 2022 में 1,023 किसानों ने की आत्महत्या, इन 8 जिलों में अत्यधिक मौतें हुईं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 15, 2023 11:51 AM2023-01-15T11:51:09+5:302023-01-15T12:00:17+5:30

उस्मानाबाद में जिला प्रशासन के साथ मिलकर किसानों के लिए परामर्श केंद्र चलाने वाले विनायक हेगना ने किसानों की आत्महत्या का विश्लेषण करते हुए लघु स्तर पर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘नीतियां शीर्ष स्तर पर बनायी जा रही हैं लेकिन जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में सुधार लाया जा सकता है।’’

1,023 farmers committed suicide in Maharashtra Marathwada in 2022 excessive deaths occurred in these 8 districts | Farmers Suicide: महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में 2022 में 1,023 किसानों ने की आत्महत्या, इन 8 जिलों में अत्यधिक मौतें हुईं

Farmers Suicide: महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में 2022 में 1,023 किसानों ने की आत्महत्या, इन 8 जिलों में अत्यधिक मौतें हुईं

Highlights वर्ष 2001 से अभी तक आठ जिलों के इस क्षेत्र में 10,431 किसानों ने जान दे दी है।आंकड़ों के अनुसार, 2001 से 2010 के बीच सबसे अधिक 379 किसानों ने 2006 में आत्महत्या की थी।

औरंगाबादः मंडलीय आयुक्त कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के मराठावड़ा क्षेत्र में 2022 में 1,023 किसानों ने आत्महत्या की, जबकि पिछले साल 887 किसानों ने आत्महत्या की थी। जालना, औरंगाबाद, परभणी, हिंगोली, नांदेड़, लातूर, उस्मानाबाद और बीड जिलों वाले क्षेत्र में 2001 में एक किसान ने आत्महत्या की थी। वर्ष 2001 से अभी तक आठ जिलों के इस क्षेत्र में 10,431 किसानों ने जान दे दी है।

आंकड़ों के अनुसार, 2001 से 2010 के बीच सबसे अधिक 379 किसानों ने 2006 में आत्महत्या की थी। 2011-2020 के दशक में सबसे अधिक 1,133 किसानों ने 2015 में आत्महत्या की थी। एक अधिकारी ने बताया कि 2001 के बाद से जिन 10,431 किसानों ने अपनी जान दी है, उनमें से 7,605 को सरकारी नियमों के अनुसार सहायता मिली। कार्यकर्ताओं और अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ वर्ष में इस क्षेत्र में सूखा जैसी स्थिति तथा अन्य में अत्यधिक बारिश देखी गयी जिससे किसानों की परेशानियां बढ़ गयी।

उस्मानाबाद में जिला प्रशासन के साथ मिलकर किसानों के लिए परामर्श केंद्र चलाने वाले विनायक हेगना ने किसानों की आत्महत्या का विश्लेषण करते हुए लघु स्तर पर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘नीतियां शीर्ष स्तर पर बनायी जा रही हैं लेकिन जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में सुधार लाया जा सकता है।’’ उन्होंने बताया कि इससे पहले किसानों की आत्महत्या के ज्यादातर मामले जुलाई और अक्टूबर के बीच आते थे लेकिन यह प्रवृत्ति बदल गयी है। उन्होंने कहा, ‘‘हम दिसंबर और जून के बीच यह संख्या बढ़ती देख रहे हैं।’’

हेगना ने इस संख्या पर लगाम लगाने की नीतियों पर कहा, ‘‘इन नीतियों में कमियां ढूंढना तथा उन्हें बेहतर बनाना एक निरंतर प्रक्रिया है और लोगों का एक समूह होना चाहिए जो इस पर काम करे।’’ महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा, ‘‘किसानों के लिए कर्ज माफी की कई योजनाएं हैं लेकिन आत्महत्या के आंकड़ें बढ़ रहे हैं। जब हम उनका कर्ज माफ करते हैं तो हमें यह भी देखना होता है कि उनकी उपज को अच्छा मुनाफा मिले।’’ दानवे ने घटिया बीज और उर्वरक उच्च दामों पर बेचे जाने पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘ये कृषि क्षेत्र के लिए हानिकारक हैं।’’ महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार से इस मामले पर बातचीत के लिए संपर्क नहीं हो पाया। 

Web Title: 1,023 farmers committed suicide in Maharashtra Marathwada in 2022 excessive deaths occurred in these 8 districts

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