26/11 हमले को हुए 10 साल, लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने ऐसे दहलायी थी मायानगरी
By रामदीप मिश्रा | Published: November 26, 2018 07:59 AM2018-11-26T07:59:25+5:302018-11-26T07:59:25+5:30
26/11 Mumbai attacks: लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी मुंबई में घुसे थे। वह पाकिस्तान के कराची से नाव के रास्ते आए थे। उन्होंने जिस नाव का सहारा लिया था उस पर चार भारतीय नागरिक सवार थे, उन्होंने उन्हें मौत के घाट उतार दिया था।
26 नवंबर, 2008 भारतीय इतिहास का वो काला दिन है, जिसे याद करके आज भी लोगों का दिल दहल उठता है और चारों तरफ सन्नाटे जैसा अहसास होता है। इस दिन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने मायानगरी कही जाने वाली मुंबई में आतंक मचाया था और कई मासूम लोगों की जान ले ली थी। इस हमले में 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और 300 अधिक लोग घायल हुए थे। आज इस घटना को 10 साल हो गए हैं। आइए आपको बताते कैसे इस हमले को आतंकवादियों ने अंजाम दिया था...
10 आतंकी मुंबई में घुसे
बताया जाता है कि लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी मुंबई में घुसे थे। वह पाकिस्तान के कराची से नाव के रास्ते आए थे। उन्होंने जिस नाव का सहारा लिया था उस पर चार भारतीय नागरिक सवार थे, उन्होंने उन्हें मौत के घाट उतार दिया था। वह देर शाम मुंबई के कफ परेड के मछली बाजार पर पहुंचे थए, जिसके बाद वह चार समूहों बंट गए थे। इस दौरान कुछ मछुआरों को उन पर शक हो गया था। इसकी सूचना उन्होंने प्रशासन को भी दी थी, लेकिन उसे अनदेखा कर दिया गया था। कुछ ही देर बाद यानि करीब साढ़े 9 बजे के करीब आतंकवादियों ने आतंक मचाना शुरू कर दिया था।
शिवाजी टर्मिनल को बनाया शामिल
दो आतंकवादियों ने सबसे पहले मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर गोलीबारी की थी, जिसमें करीब 52 लोगों की मौत हुई थी और 109 घायल हो गए थे। आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी और 15 मिनट में ही पूरे रेलवे स्टेशन पर मातम पसर गया था। हर ओर चीख पुकार के अलावा कुछ नहीं बचा था। इन आतंकियों में अजमल कसाब भी शामिल था, जिसे जिंदा पकड़ा गया था और बाद में फांसी दी गई।
इन जगह पर हुए हमले
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के अलावा आंतकवादियों ने कई जगह हमले किये थे, जिनमें ओबेरॉय ट्राइडेंट, ताज होटल, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल, नरीमन हाउस यहूदी समुदाय केंद्र, मेट्रो सिनेमा शामिल थे। करीब आठ हमले किए गए थे। 28 नवंबर की सुबह तक, ताज होटल को छोड़कर सभी साइटों को मुंबई पुलिस विभाग और सुरक्षा बलों ने सुरक्षित कर लिया था, लेकिन ताज होटल और ओबेरॉय ट्राइडेंट में आतंकियों ने जमकर आतंक मचाया था।
आतंकियों ने लोगों को बनाया था बंधक
आंतकवादियों ने ताज होटल में लोगों को बंधक बना लिया था और 27 नवंबर को बताया गया था कि सभी बंधकों को छुड़ा लिया गया। लेकिन, इसी बीच फिर छिपे हुए आतंकियों ने गोलीबारी और धमाके करने शुरू कर दिए थे। इस दौरान रैपिड एक्शन फोर्ड (आरपीएफ), मैरीन कमांडो और नेशनल सिक्युरिटी गार्ड (एनएसजी) के कमांडो ने मोर्चा संभाला था। वहीं, हमले की लाइव कवरेज होने की वजह से आतंकियों को सहयोग मिला था, जिसके चलते सुरक्षाबलों की खासी परेशानी उठानी पड़ी। हालांकि 29 नवंबर तक सभी आतंकवादियों का सफाया किया गया, जिसमें नौ को ढेर कर दिया गया और अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था।