18 महीने में 10 लाख नौकरी! सरकार के लिए आसान नहीं होगी भर्ती की राह, मौजूदा खाली पदों में करीब 90 प्रतिशत ग्रुप-C से
By विनीत कुमार | Published: June 16, 2022 07:36 AM2022-06-16T07:36:53+5:302022-06-16T07:47:54+5:30
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मंगलवार को बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमाम विभागों और मंत्रालयों को मिशन मो़ड में भर्तियां करने का निर्देश दिया है। इसके तहत अगले डेढ़ साल में 10 लाख भर्तियां की जानी है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से अगले डेढ़ साल में 10 लाख भर्तियां करने के निर्देश जारी हुए हैं। हालांकि तमाम केंद्रीय मंत्रालयों और विभाग के लिए ये राह बहुत आसान नहीं होने वाली है। दरअसल अगले 18 महीनों में मिशन मोड में 10 लाख नौकरियों का वादा पूरा करने के लिए केंद्र सरकार को सालाना 4,500 करोड़ रुपये के बजट की आवश्यकता होगी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 10 लाख पद लगभग पूरी तरह से मौजूदा रिक्तियां या पद हैं जो पिछले आमतौर पर धीमी और जटिल भर्ती प्रक्रिया, अदालती चक्कर और हाल ही में कोविड -19 महामारी के कारण पिछले कुछ सालों में खाली रहे गए हैं।
एक सरकारी सूत्र के अनुसार इसमें 90 प्रतिशत या इससे अधिक रिक्तियां ग्रुप सी श्रेणी में हैं जिनमें क्लर्क, चपरासी और अर्ध-कुशल कर्मचारी शामिल हैं। एक नए ग्रुप-सी कर्मचारी के लिए सरकार को करीब-करीब 40 हजार रुपये प्रति माह का खर्च वहन करना होगा।
18 महीने में 10 लाख भर्ती, आसान नहीं पूरी प्रक्रिया
18 महीने में इतने बड़े स्तर पर भर्तियों की प्रक्रिया पूरी करना आसान नहीं रहने वाला है। खासकर बड़ी चुनौती भर्तियों के बाद होगी जब ट्रेनिंग, इंडक्शन और फिर बाद में प्रोमोशन की बारी आएगी। एक सरकारी सूत्र ने कहा, 'एक साथ इतनी बड़ी भर्ती का मतलब होगा कि ये सभी एक साथ ही प्रोमोशन के भी योग्य हो जाएंगे।'
आधिकारिक सरकारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 1 मार्च, 2020 तक 77 मंत्रालयों/विभागों में 8.72 लाख पद खाली थे। इनमें से सिर्फ पांच मंत्रालयों या विभागों - रक्षा (सिविल), रेलवे, गृह मामलों, डाक और राजस्व में ही इन खाली पदों का 90 प्रतिशत खाली है।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा 30 मार्च, 2020 को लोकसभा में साझा किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि 77 मंत्रालयों/विभागों में नियमित सरकारी कर्मचारियों की संख्या 31.32 लाख थी जबकि 1 मार्च 2020 तक स्वीकृत संख्या 40.04 लाख कर्मचारियों की थी।
ग्रुप-सी के सबसे ज्यादा 86 प्रतिशत पद खाली, रेलवे में सबसे अधिक
77 मंत्रालयों/विभागों में सबसे अधिक रिक्त पद – 2.47 लाख रक्षा (सिविल) में हैं। इसके बाद रेलवे (2.37 लाख), गृह मामले (1.28 लाख), पद (90,050) और राजस्व (76,327) में बड़ी संख्या में पद खाली हैं। रिक्त पदों के विश्लेषण से पता चलता है कि 8.72 लाख रिक्तियों में से अधिकतम 7.56 लाख या 86.69 प्रतिशत ग्रुप-सी (नॉन गैजेटेड) में खाली थे। आंकड़ों ये भी बताते हैं कि सबसे अधिक ग्रुप सी के पद रेलवे में खाली थे।
डेटा से पता चलता है कि ग्रुप-बी (नॉन गैजेटेड) में 78,045 पद खाली थे और इनमें से 85 प्रतिशत पांच विभागों- रक्षा (नागरिक), राजस्व, गृह मामले, खनन और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में खाली थे।
वहीं, ग्रुप-ए पदों में रिक्तियों की संख्या 1 मार्च, 2020 तक 21,255 थी। ग्रुप ए की वैकेंसी सबसे ज्यादा राजस्व (3,973 पद) विभाग में खाली थी। इसके बाद गृह (3,890), रक्षा (सिविल) (3,480), खनन (1,611) और रेलवे (1,069) में सबसे ज्यादा ग्रुप-ए के पद खाली थे।