महान हॉकी खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद की विधवा की धमकी, 'लौटा दूंगी पद्म श्री और अर्जुन समेत उनके सारे अवॉर्ड'
By अभिषेक पाण्डेय | Published: July 18, 2018 03:23 PM2018-07-18T15:23:00+5:302018-07-18T15:24:57+5:30
Mohammed Shahid: महान हॉकी खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद की विधवा पत्नी ने सरकारी अनदेखी का आरोप लगाते हुए दी अवॉर्ड लौटाने की धमकी
वाराणसी, 18 जुलाई: महान हॉकी खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद की विधवा पत्नी ने अपने पति को मिले पद्म श्री, अर्जुन अवॉर्ड समेत ढेरों पुरस्कार वापस लौटाने की धमकी दी है। शाहिद की पत्नी परवीन ने ऐसा दो साल पहले तत्कालीन खेल मंत्री विजय गोयल द्वारा शाहिद के नाम पर एक राष्ट्रीय चैंपियनशिप शुरू किए जाने के वादे को अब तक पूरा न करने पर उठाने की बात कही है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मद शाहिद की विधवा पत्नी परवीन के इस ऐलान के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले के डीएम को मंगलवार को उनसे मिलने के लिए भेजा और इस मामले के समाधान के लिए दो दिन का वक्त मांगा।
डीएम सुरेंद्र सिंह ने कहा, 'मैं आज परवीन से मिला। सिर्फ शाहिद के नाम पर नेशनल टूर्नामेंट कराए जाने को छोड़कर बाकी मांगों को पूरा कर दिया गया है, जिनमें उनके नाम पर स्टेडियम का नाम रखना भी शामिल है। उनकी बाकी की मांगों के लिए संबंधित विभागों को पत्र भेज दिए गए हैं।'
लेकिन परवीन अभी भी अपनी मांग को मानने पर डटी हैं और उनका कहना है कि उन्हें लगता है कि उनके साथ धोखा हुआ है। उन्होंने कहा, '2016 में शाहिद के नाम पर नेशनल चैंपियनशिप कराने का वादा किया गया था। साथ ही शाहिद के साथ खेले जफर इकबाल और धनराज पिल्लै ने उनके नाम पर वाराणसी में एक हॉकी ऐकैडमी खोलने का वादा किया था। लेकिन आज तक कोई भी काम नहीं हुआ है। मैं साथ ही शाहिद के नाम पर एक उच्च दर्जे के खेल अवॉर्ड दिए जाने की भी मांग करती है। अगर मुझे अपनी सभी मांगों के लिए दो दिनों में कोई आश्वसन नहीं मिलता है तो मैं 20 जुलाई, जो शाहिद की दूसरी बरसी है, के दिन दिल्ली जाऊंगी और पीएम नरेंद्र मोदी को अवॉर्ड्स लौटा दूंगी।'
यही नहीं शाहिद का परिवार आर्थिक समस्याओं से भी जूझ रहा है। उनके बेटे मोहम्मद सैफ को उनकी मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर डीजल लोकोमोटिव वर्क्स में फिटर की नौकरी दी गई थी। परवीन कहती हैं, 'शाहिद की मौत के बाद उन्हें पद्म श्री और अर्जुन अवॉर्ड के लिए दी जाने वाली पेंशन रोक दी गई। डीजल लोकोमोटिव वर्क्स की पेंशन से मुझे मेरी बेटी हिना और बेटे सैफ समेत तीन लोगों का खर्च चलाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। सैफ शूटिंग में अपना करियर नहीं बना पा रहा है।'
उन्होंने बताया कि 2017 में तीन लाख रुपये खर्च करके शाहिद के नाम पर टूर्नामेंट आयोजित कराया। लेकिन सरकार ने उस पैसे को लौटाने का वादा पूरा नहीं किया।
ड्रिबलिंग के उस्ताद माने जाने वाले मोहम्मद शाहिद 1980 में मॉस्को ओलंपिक में हॉकी गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे। उन्होंने 1980-81 में अर्जुन अवॉर्ड और 1986 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। लंबी बीमारी के बाद 20 जुलाई 2016 को दिल्ली में उनका निधन हो गया था।