ध्यानचंद के खेल से डरे विदेशी अधिकारियों ने उनकी हॉकी स्टिक तोड़कर की थी जांच, 'हॉकी के जादूगर' से जुड़ी 10 रोचक बातें

By अभिषेक पाण्डेय | Published: August 29, 2018 07:18 AM2018-08-29T07:18:12+5:302018-08-29T07:18:12+5:30

Dhyan Chand birth anniversary: हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की आज 113वीं जयंती है, जानिए इस महान खिलाड़ी से जुड़ी 10 रोचक बातें

Dhyan Chand birth anniversary: 10 Interesting Facts About him | ध्यानचंद के खेल से डरे विदेशी अधिकारियों ने उनकी हॉकी स्टिक तोड़कर की थी जांच, 'हॉकी के जादूगर' से जुड़ी 10 रोचक बातें

ध्यानचंद को उनके करिश्माई खेल के लिए हॉकी का जादूगर कहा जाता है

अपने करिश्माई खेल से हॉकी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले और पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन करने वाले मेजर ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है। उनका जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद में हुआ था। ध्यानचंद के बेहतरीन खेल की बदौलत भारत ने 1928, 1932 और 1936 में लगातार तीन बार ओलंपिक में हॉकी के गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया। उनकी जयंती 29 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाई जाती है। आइए इस महान खिलाड़ी की 113वीं जयंती पर जानें उनसे जुड़ी कुछ खास बातें।

1.महान हॉकी खिलाड़ी रहे ध्यानचंद को बचपन में कुश्ती से प्यार था और पहलवान बनना चाहते थे लेकिन किस्मत ने उनके लिए महान हॉकी खिलाड़ी बनना तय कर रखा था।

2.ध्यान सिंह को ध्यान चंद नाम इसलिए मिला क्योंकि वह देर रात चांद की रोशनी में प्रैक्टिस किया करते थे। इसलिए उनके साथी उन्हें ध्यान चंद कहकर बुलाने लगे।

3.जर्मनी का तानाशाह ध्यानचंद के खेल से इस कदर प्रभावित था कि उन्हें जर्मनी की नागरिकता और सेना में कर्नल का पद दिया था। लेकिन देशभक्त ध्यानचंद ने इसे ठुकरा दिया था।

4.ध्याचंद के जादुई खेल से विपक्षी टीमें इस कदर डरी हुई थीं कि एक बार विदेशी दौरे पर नीदरलैंड्स के अधिकारियों ने उनकी हॉकी स्टिक तोड़कर इस बात की जांच की थी कि कहीं उनकी हॉकी में चुंबक तो नहीं है।

5.1936 में एक मैच के दौरान जर्मनी के गोलकीपर टिटो वार्नहोल्ट्ज से टक्कर होने के कारण ध्यानदंच का एक दांत टूट गया था।

6.ध्यानचंद ने अपने लाजवाब इंटरनेशनल करियर में 400 से ज्यादा गोल दागे, जिनमें 101 ओलंपिक गोल और 300 बाकी मैचों में दागे गए थे।

7.ध्यानचंद महज 16 साल की उम्र में सिपाही के रूप में सेना में भर्ती हुए थे और वह मेजर रैंक पर रहते हुए रिटायर हुए।

8.भारत ने 1932 ओलंपिक में यूएसए को 24-1 और जापान को 11-1 से मात दी थी। इन दो मैंचों में भारत की तरफ से किए गए 35 गोलों में ध्यानचंद ने 12 और रूप सिंग ने 13 गोल दागे थे। इस प्रदर्शन के बाद ये दोनों 'हॉकी जुड़वा' नाम से विख्यात हो गए।

9.एक मैच के दौरान ध्यानचंद गोल नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने मैच रेफरी से गोलपोस्ट की माप को बहस की। आपको ये जानकार हैरानी होगी की जब गोलपोस्ट को नापा गया तो उसकी चौड़ाई तय अंतरराष्ट्रीय नियमों से कम नहीं निकली।

10.ध्यानचंद के बेटे अशोक कुमार भी बेहतरीन हॉकी  खिलाड़ी रहे। अशोक ने 1975 वर्ल्ड कप फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ विजयी गोल दागते हुए भारत को हॉकी का एकमात्र वर्ल्ड कप जिताया था।

Web Title: Dhyan Chand birth anniversary: 10 Interesting Facts About him

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