वाशिंगटनः अमेरिका में त्वचा विशेषज्ञों ने दुनिया के सबसे छोटे त्वचा कैंसर का पता लगाया है, जिसकी माप मात्र 0.65 मिमी है। ओरेगॉन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी (OHSU) के त्वचा विशेषज्ञों की एक टीम ने यह चौंकाने वाली खोज की। इसका पता तब चला जब एक महिला अपने गाल पर एक लाल धब्बे की परेशानी को लेकर त्वचा देखभाल विशेषज्ञ के पास गई।
महिला सालों से आँख के नीचे और नाक के पास एक लाल धब्बे को लेकर चिंतित थी, इसी सिलसिले में वह डॉक्टरों के पास पहुंची थी। त्वचा विशेषज्ञ ने जब इसकी जांच की तो इसे दुनिया के सबसे छोटे कैंसर के रूप में चिह्नित किया। विशेषज्ञों ने हाई-टेक गैर-इनवेसिव तकनीक की मदद से इस छोटे कैंसर की खोज की।
महिला (क्रिस्टी स्टैट्स) की त्वचा की जांच करते समय, विशेषज्ञ ने उसके दाहिने गाल पर एक धब्बा देखा। इसकी माप मात्रा 0.65 मिलीमीटर यानी 0.025 इंच मापा गया जो मानव आंखों के लिए लगभग अदृश्य था। इसकी पहचान मेलेनोमा के रूप में की गई, जो त्वचा कैंसर का सबसे घातक प्रकार है। छोटे माप को लेकर इसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया है।
महिला अपने इस लाल निशान के धब्बे (जिसे कैंसर बताया गया) की परेशानी को लेकर पूर्व में कई डॉक्टरों के पास जा चुकी थी। हालांकि उन्हें कोई उम्मीद नजर नहीं आई। इसके बाद वहओएचएसयू स्कूल ऑफ मेडिसिन में त्वचाविज्ञान के सहायक प्रोफेसर डॉ अलेक्जेंडर विटकोव्स्की से मुलाकात की।
इस सूक्ष्म-त्वचा कैंसर की पहचान करने के लिए, अलेक्जेंडर विटकोव्स्की ने डर्मोस्कोपी (डर्मेटोस्कोप के साथ त्वचा के घावों की एक परीक्षा) और रिफ्लेक्टेंस कन्फोकल माइक्रोस्कोपी ( जो एक इमेजिंग उपकरण है जो चिकित्सकों को बिना चिरा लगाए त्वचा के घावों की निगरानी और निदान करने में मदद करता है) के संयोजन का उपयोग किया।