World Hemophilia Day : जानिये इस खून की बीमारी के लक्षण, संकेत और बचाव के तरीके
By उस्मान | Published: April 17, 2020 10:38 AM2020-04-17T10:38:16+5:302020-04-17T10:38:16+5:30
World Hemophilia Day 2020: इस रोग में हल्की चोट लगने पर भी खून बहना बंद नहीं होता है
World Hemophilia Day 2020: वर्ल्ड हीमोफीलिया डे हर साल 17 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने के उद्देश्य हीमोफीलिया और इससे जुड़ी समस्याओं से बारे में जागरूकता फैलाना है। हीमोफीलिया एक जेनेटिक बीमारी है, जो ज्यादातर पुरुषों को होती है।
इस रोग में शरीर से बहता हुआ रक्त जमता नहीं है। यही वजह कि कई बार मामूली चोट या दुर्घटना भी जानलेवा साबित हो सकती है क्योंकि खून का बहना जल्दी बंद नहीं होता। फिजिशियन डॉक्टर विजय गुप्ता आपको इस बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव के तरीकों की जानकारी दे रहे हैं।
हीमोफीलिया के कारण (hemophilia causes)
डॉक्टर के अनुसार इस रोग का कारण एक रक्त प्रोटीन की कमी होती है, जिसे 'क्लॉटिंग फैक्टर' कहा जाता है, जो रक्त को जमाकर उसका बहना रोकता है। इस रोग से पीड़ित रोगियों की संख्या भारत में कम है। इस रोग में रोगी के शरीर के किसी भाग में जरा सी चोट लग जाने पर बहुत अधिक खून का निकलने लगता है। इससे रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।
हीमोफीलिया के लक्षण (hemophilia symptoms)
शरीर में नीले-नीले निशान बनना, पेशाब के साथ खून आना, नाक से खून का बहना, आंख के अंदर खून का निकलना, जोड़ों में सूजन, छोटी-मोटी चोट लगने पर गहरा घाव होना, कई बार बिना किसी वजह से शरीर में घाव होना, चोट लगने पर बहुत मात्रा में खून निकलना, बच्चों में चिड़चिड़ापन, धुंधला दिखना इत्यादि इस बीमारी के लक्षण हैं।
हीमोफीलिया के उपचार (hemophilia treatment)
पहले हीमोफीलिया का इलाज होना मुश्किल था, लेकिन अब यह संभव है। अगर बीमारी ज्यादा गंभीर नहीं है, तो दवाइयों से भी इलाज हो सकता है। अब बाजार में इस तरह के कंपोनेंट उपलब्ध हैं जिससे रक्त के बहाव को रोका जा सकता है इसलिए बीमारी का इलाज आसान हो गया है। समय पर इसका पता चल जाने पर इंजेक्शन से कंपोनेंट को शरीर के अंदर डालकर इसका इलाज हो सकता है।
हीमोफीलिया से बचाव के तरीके
चोट लगने की स्थिति में खून जमाने और घाव भरने के लिए मुंह से खाने वाली दवाएं और चोट वाली जगह पर लगाने की दवाएं आदि भी दी जाती हैं। मांसपेशियों और हड्डियों की मजबूती के लिए नियमित व्यायाम करें। यह आपकी सामान्य तंदुरूस्ती के लिए भी जरूरी है और आपके जोड़ों को भी स्वस्थ रखने और उनमें इंटरनल ब्लीडिंग से बचाव में लाभदायक होगा।
अगर आपका बच्चा बाहर खेल रहा है या साइकिल चलाना सीख रहा है अथवा चला रहा है तो आपको सावधानी बरतने की जरूरत है। खेलते समय हेलमेट, एल्बो और नी पैड्स एवं प्रोटेक्टिव जूते पहनाकर रखें।