कोरोना वायरस की दूसरी लहर धीमी हो गई है और अब तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि देश में तीसरी लहर का कारण कोरोना का नया रूप 'डेल्टा प्लस' हो सकता है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी माना है कि कोरोना का यह रूप बेहद खतरनाक है।
डब्यूएचओ के महानिदेशक टेडरोस आधानोम घेबरेसस ने कहा है कि कोरोना वायरस का भारत में पहली बार पाया गया 'डेल्टा' स्वरूप अब तक का सबसे संक्रामक प्रकार है। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अब यह स्वरूप कम से कम 85 देशों में फैल रहा है।
केंद्र ने आठ राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों को सतर्क कियाइस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आठ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से उन जिलों में प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण बढ़ाने के साथ ही भीड़ को रोकने, व्यापक जांच करने जैसे रोकथाम उपाय करने का आग्रह किया जहां कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस स्वरूप का पता चला है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने तमिलनाडु, राजस्थान, कर्नाटक, पंजाब, आंध्र प्रदेश, जम्मू कश्मीर, गुजरात और हरियाणा को लिखे पत्रों में इन उपायों का सुझाव दिया है।
भूषण ने कहा कि सार्स-सीओवी-2 का डेल्टा प्लस स्वरूप आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले, गुजरात के सूरत, हरियाणा के फरीदाबाद, जम्मू-कश्मीर के कटरा, राजस्थान के बीकानेर, पंजाब के पटियाला और लुधियाना, कर्नाटक के मैसूरु तथा तमिलनाडु में चेन्नई, मदुरै और कांचीपुरम में पाया गया है।
कोविड-19 डेल्टा प्लस वैरिएंट लक्षण (Covid-19 Delta Plus symptoms)
कोरोना वायरस का रूप बदलने के बाद लक्षणों में भी बदलाव हुआ है। इसके कई लक्षण कई सामान्य बीमारियों से मिलते-जुलते हैं।इसलिए आपको अपने बचाव के लिए लक्षणों के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
डेल्टा प्लस वैरिएंट सामान्य लक्षण
सूखी खांसी, बुखार और थकान
डेल्टा प्लस वैरिएंट के कम लक्षण
ऊपर बताये गए लक्षणों के अलावा डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कुछ कम सामान्य लक्षण बताये हैं जिनमें दर्द, त्वचा पर चकत्ते, पैर की उंगलियों और उंगलियों का मलिनकिरण, गले में खराश, गले की खराश, स्वाद और गंध की हानि, दस्त और सिरदर्द आदि शामिल हैं।
डेल्टा प्लस वैरिएंट के गंभीर लक्षण
ऊपर बताए गए लक्षणों के अलावा, वायरस के कुछ घातक लक्षण भी होते हैं। सीने में दर्द, सांस फूलना या सांस लेने में तकलीफ और बोलने में तकलीफ ये गंभीर लक्षण हैं।
डेल्टा प्लस क्या है ?
वैज्ञानिकों ने इसे 'डेल्टा प्लस' 'एवाई.1' नाम दिया है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि कोरोना का यह घातक रूप तीसरी लहर का कारण बन सकता है। डेल्टा प्लस' प्रकार, वायरस के डेल्टा या 'बी1.617.2' प्रकार में उत्परिवर्तन होने से बना है जिसकी पहचान पहली बार भारत में हुई थी और यह महामारी की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार था। इस जीनोम का सबसे पहला क्रम इस साल मार्च के अंत में यूरोप में पाया गया था।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)