मलेरिया से हर साल मरते हैं 6.60 लाख लोग, इसका जड़ से इलाज करेंगी घर में मिलने वाली ये 2 चीजें
By उस्मान | Published: November 21, 2018 07:48 AM2018-11-21T07:48:40+5:302018-11-21T07:49:12+5:30
एक नई रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में पूरी दुनिया में सामने आए मलेरिया के कुल मामलों में से 80 प्रतिशत मामले भारत से हैं.
मलेरिया एक मच्छर जनित गंभीर बीमारी है। मलेरिया प्लाज्मोडियम नामक परजीवी रोगाणु से होता है. ये रोगाणु 'एनोफिलीज' जाति के मादा मच्छर में होते हैं और जब यह किसी व्यक्ति को काटते हैं, तो उसके खून की नली में मलेरिया के रोगाणु फैल जाते हैं। इस रोग से हर साल विश्व भर में करोंड़ों लोग प्रभावित होते है, जिनमें से लाखों लोगों की मृत्यु तक हो जाती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में पूरी दुनिया में सामने आए मलेरिया के कुल मामलों में से 80 प्रतिशत मामले भारत और 15 उप सहारा अफ्रीकी देशों से थे। साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी देखा गया कि भारत में 1.25 अरब लोग इस मच्छर जनित बीमारी की चपेट में आने की कगार पर थे।
हालांकि डब्ल्यूएचओ की 2018 के लिए विश्व मलेरिया रिपोर्ट में एक सकारात्मक बात भी कही गई है जिसके मुताबिक भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने 2016 के मुकाबले 2017 में मलेरिया के मामलों को घटाने में प्रगति की है।
इसमें कहा गया कि विश्व भर में मलेरिया के करीब आधे मामले पांच देशों से सामने आए जिनमें नाइजीरिया (25 प्रतिशत), कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (11 प्रतिशत), मोजाम्बिक (पांच प्रतिशत) और भारत एवं युगांडा से चार-चार फीसद मामले देखे गए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिला कर विश्व भर में मलेरिया के 80 प्रतिशत मामले 15 उप सहारा अफ्रीकी देशों और भारत से थे। भारत में 1.25 अरब लोगों पर मलेरिया की चपेट में आने का जोखिम था।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत उन देशों में से है जिन्होंने इलाज में असफलता की उच्च दर का पता लगाया और फिर अपनी इलाज संबंधी नीतियों में बदलाव किया।
आगे रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत और इंडोनेशिया वर्ष 2020 तक मलेरिया के मामलों में 20 से 40 फीसदी की कमी लाने की राह पर हैं। मलेरिया से हर साल, एक अनुमान के अनुसार 660,000 लोगों की जान जाती है।
1) अदरक है इलाज
अदरक आपके इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करता है। जिससे आपको इन्फेक्शन से लड़ने की ताकत मिलती है और रोग से जल्दी आराम मिलता है। अदरक में सक्रिय घटक जिंजरोल होता है जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, यही वजह है कि अदरक को मलेरिया समेत कई बीमारियों के इलाज के लिए सबसे प्रभावी प्राकृतिक उपचारों में से एक माना जाता है।
2) टूथपेस्ट से हो सकता है मलेरिया का इलाज
जर्नल साइंटिफिक में प्रकाशित ब्रिटेन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी द्वारा की गई एक रिसर्च के अनुसार, टूथपेस्ट आपको बड़ी भयंकर बीमारी से बचाने में सक्षम है। टूथपेस्ट की मदद से मलेरिया को ठीक किया जा सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, टूथपेस्ट के निर्माण के दौरान रिएक्शन से टूथपेस्ट में एक ऐसा तत्व का जन्म होता है, जो मलेरिया के कीटाणुओं से लड़ने के लिए काफी सक्षम होता है।
टूथपेस्ट में ट्राइक्लोजन नामक तत्व पाया जाता है, जो मलेरिया पैरासाइट विशेष रूप से डीएचएफआर नामक सक्रिय एंजाइम पर हमला करता है और मलेरिया के कीटाणु के वृद्धि को आसानी से रोक देता है। हालांकि शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि इसका इफेक्ट आपके शरीर में ईएनएआर और डीएचईआर पर सीधा प्रभाव डालता है, इसलिए आप टूथपेस्ट का इस्तेमाल करके मलेरिया को ठीक न करें क्योंकि इससे किडनी खराब हो सकती है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)