कोरोना संक्रमण का खतरा पूरी दुनिया में बरकरार है। इस बीच वायरस के कई अलग-अलग वैरिएंट भी सामने आ रहे हैं, जो चिंता का विषय बने हुए हैं। इन अलग-अलग वैरिएंट पर वैक्सीन कितनी कारगर है, इसे लेकर भी सवाल हैं। ऐसे में ये सवाल भी अहम है कि अगर कोई शख्स कोरोना के दो अलग-अलग वैरिएंट से एक ही समय में संक्रमित हो गया तो क्या होगा।
एक साथ दो वैरिएंट से संक्रमित होने का मामला
कोरोना वायरस के दो अलग-अलग वैरिएंट से एक ही समय में संक्रमित होने का मामला सामने आ चुका है। इसी साल मार्च में बेल्जियम की 90 साल की एक महिला वायरस के दो वैरिएंट अल्फा और बीटा से संक्रमित पाई गई। अल्फा वैरिएंट जहां इंग्लैंड में पहली बार मिला था तो वहीं दक्षिण अफ्रीका में बीटा वैरिएंट मिला था।
जानकारों के अनुसार ये मामला दुर्लभ जरूर है लेकिन हैरान करने वाला नहीं है। जानकारों के मुताबिक ऐसा संभव है कि कोई शख्स दो अलग-अलग वैरिएंट वाले लोगों से संक्रमित हो सकता है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार दिल्ली में स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी के पूर्व डायरेक्टर वीएस चौहान ने बताया, 'एक वायरस शरीर में पहुंचने के बाद अन्य कोशिकाओं को संक्रमित करने में कुछ दिन का समय लेता है। ऐसे में संभव है कि स्वस्थ्य कोशिकाएं इस बीच किसी अन्य वैरिएंट से संक्रमित हो जाएं।'
ऐसे मामले पूर्व में एचआईवी मरीजों में मिले हैं। हालांकि, ऐसा बहुत दुर्लभ है। ऐसा इसलिए हर संक्रमित शख्स जरूरी नहीं कि हर मिलने वाले शख्स को संक्रमण फैला रहा हो। जानकारों के अनुसार बेल्जियम में मिला मामला पहला जरूर है लेकिन ऐसा कई और लोगों में भी मौजूद हो सकता है। इस बारे में ठीक-ठीक तभी पता चल सकेगा जब शोधकर्ता इस पर जोर देकर इस बारे में पता लगाने की कोशिश करें।
दो अलग-अलग वैरिएंट से संक्रमित होने पर क्या होगा
विशेषज्ञों के अनुसार दो अलग-अलग वैरिएंट से संक्रमित होने पर मरीज पर कुछ खास नया असर देखने को नहीं मिलेगा। बेल्जियम की महिला के मामले में भी ऐसा ही हुआ। दरअसल, हर वैरिएंट एक ही तरीके से शरीर को प्रभावित करता है।
वायरस का शरीर पर कैसा असर हुआ, ये सबकुछ संक्रमित व्यक्ति के स्वास्थ्य और इम्यूनिटी पर निर्भर है। इससे इस बात का कोई लेना-देना नहीं है कि वायरस कितने स्रोतों से शख्स के शरीर में पहुंचा है। जानकारों के अनुसार ऐसे मामलों में भी इलाज पहले की ही तरह है।