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Nipah virus: क्या अगली महामारी हो सकता है निपाह वायरस ?, जानें इंसान में कैसे फैलता है और बचने के उपाय

By उस्मान | Updated: November 1, 2021 16:32 IST

केरल में एक लड़के की हाल में हुई मौत जैसे मामलों ने ये चिंताएं पैदा कर दी कि यह संक्रमण की अपनी क्षमता को बढ़ा सकता है

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ठळक मुद्देनिपाह वायरस की अभी संक्रमण की मृत्यु दर 50 प्रतिशत हैकेरल में एक लड़के की हाल में हुई मौत जैसे मामलों ने ये चिंताएं पैदा कीइसके उपचार के लिए कोई टीका नहीं बना है

भारत में हाल में निपाह वायरस फैलने ने यह सवाल पैदा कर दिए कि क्या इसे भविष्य का खतरा मानने पर विचार करना शुरू कर देना चाहिए और अब हमारे रक्षा के शस्त्रागारों के निर्माण पर ध्यान देना चाहिए। निपाह वायरस की पहचान सबसे पहले 1998 में मलेशिया में की गयी। केरल में एक लड़के की हाल में हुई मौत जैसे मामलों ने ये चिंताएं पैदा कर दी कि यह संक्रमण की अपनी क्षमता को बढ़ा सकता है जिससे व्यापक पैमाने पर संक्रमण फैल सकता है। 

यह स्थिति डरावनी है क्योंकि अभी इस संक्रमण की मृत्यु दर 50 प्रतिशत है और इसके उपचार के लिए कोई टीका नहीं बना है। लेकिन निपाह के खिलाफ टीकों के विकास में संसाधनों का निवेश करने से पहले यह पता करने की आवश्यकताा है कि क्या यह वास्तविक महामारी का खतरा है। और अगर हां तो अन्य संक्रमण भी हैं इसलिए हमें यह समझना चाहिए कि इसे प्राथमिकताओं की सूची में कौन से स्थान पर रखना चाहिए। 

निपाह वायरस क्या है?

निपाह एक पैरामाइक्सोवायरस है। यह मानव वायरस, मानव पैराइंफ्लुएंजा वायरस से जुड़ा है जिनसे आम तौर पर सर्दी-जुकाम होता है। यह वायरस ‘फ्रूट बैट’ यानी चमगादड़ और उड़ने वाली छोटी लोमड़ियों से फैलता है जो दक्षिण तथा दक्षिणपूर्व एशिया में फैली हैं। 

निपाह वायरस कैसे फैलता है?

अभी तक निपाह वायरस से मनुष्य के संक्रमित होने के सभी मामले प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर संक्रमित चमगादड़ों के संपर्क में आने के कारण सामने आए हैं। चमगादड़ों के मूत्र से दूषित फल या फलों का रस लोगों में इस संक्रमण को फैलाने का प्रमुख साधन है। 

बांग्लादेश में लोगों में आए दिन निपाह वायरस के मामले आने पर वहां हुए एक अध्ययन में बताया गया कि संक्रमण फैलने के लिए चमगादड़ों की जनंसख्या का घनत्व, संक्रमण का प्रसार और कच्चे खजूर का रस पीने वाले लोग जिम्मेदार हैं। खजूर के पेड़ से निकाले जाने के दौरान चमगादड़ इसका रस दूषित कर देते हैं और फिर स्थानीय स्तर पर इसका सेवन कर लिया जाता है। 

मानव संक्रमण के मामलों में अभी तक यह केवल मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के करीबी संपर्क में आने वाले लोगों जैसे कि परिवार के सदस्य और अस्पताल में भर्ती किसी व्यक्ति की देखभाल करने वाले अस्पताल के कर्मियों के बीच फैला है। 

निपाह वायरस शरीर में क्या करता है?

आम तौर पर इस संक्रमण का प्रसार नहीं होता है क्योंकि निपाह वायरस को कोशिकाओं में घुसने के लिए जिस प्रोटीन की आवश्यकता होती है वे मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका ऊतकों में होती हैं। 

ज्यादातर मामलों में तीव्र मस्तिष्क ज्वर से निपाह संक्रमण के कारण मौत होती है क्योंकि यह वायरस उन उत्तकों में अधिक प्रभाव डालता है जहां वायरस के लिए कोशिकाओं में घुसना आसान हो जाता है। लेकिन इबोला वायरस के मामलों में संक्रमण श्वसन मार्ग से आसानी से नहीं फैलता और इसके लिए शरीर के तरल को छूने की आवश्यकता होती है। 

निपाह वायरस से बचने के उपाय

यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि इसकी निगरानी हो, इसे लेकर जागरूकता बढ़ें और इससे निपटने के लिए प्रभावी जन स्वास्थ्य कदम उठाए जाए तथा उनका पालन हो। इसका निकट भविष्य में निपाह वायरस के मामलों पर काबू पाने पर ज्यादा बड़ा असर होगा। 

मध्य और दीर्घकाल में महामारी की तैयारियों के लिए हमें अपना ध्यान इस पर केंद्रित करने की आवश्यकता है कि कौन से अन्य वायरस खतरा हैं और उसके खिलाफ टीके बनाने पर काम करने की जरूरत है।  

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