दिल्ली और मुंबई में हाल ही में एक दुर्लभ फंगल इन्फेक्शन म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) के कई मामले सामने आए। अब इस जानलेवा संक्रमण ने अहमदाबाद करीब 44 लोगों को संक्रमित किया है और 9 लोगों की जान ले ली है। कोरोना वायरस महामारी के दौरान इस भयंकर रोग ने सनसनी फैला दी है। चलिए जानते हैं कि म्यूकोरमाइकोसिस क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
Mucormycosis क्या है ?
हेल्थलाइन के अनुसार, Mucormycosis फंगल संक्रमण का एक प्रकार है। यह अपेक्षाकृत दुर्लभ है, लेकिन बहुत गंभीर भी है। इसे जाइगोमाइकोसिस (zygomycosis) के रूप में भी जाना जाता है।
यह संक्रमण ऐसे लोगों को जल्दी हो सकता है पहले से किसी बीमारी से पीड़ित हाउ या जिसका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर है। इसका इलाज कराना जरूरी है यदि अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो यह मौत का कारण बन सकता है।
Mucormycosis के लक्षण क्या हैं ?
Mucormycosis को श्वसन या त्वचा संक्रमण के रूप में जाना जाता है। यानी यह सीधे तौर पर आपकी त्वचा या श्वसन तंत्र को संक्रमित कर सकता है। इस लिहाज से इसके लक्षणों को श्वसन तंत्र में गड़बड़ी द्वारा पहचाना जा सकते है। श्वसन तंत्र में गड़बड़ी के मुख्यतः लक्षणों में खांसी, बुखार, सिरदर्द, नाक बंद होना, साइनस का दर्द आदि शामिल हैं।
अगर बात करें त्वचा की तो आपके शरीर के किसी भी हिस्से के भीतर श्लेष्मा का विकास हो सकता है। यह शुरू में त्वचा को थोड़ा प्रभावित कर सकता है लेकिन यह जल्दी से दूसरे क्षेत्र में फैल सकता है। इस तरह इसके लक्षण त्वचा का कालापन त्वचा पर फफोले, बुखार, लालपन, सूजन, कोमलता और अल्सर आदि शामिल हो सकते हैं।
Mucormycosis के क्या कारण हैं ?
यह रोग mucormyete molds के संपर्क में आने से होता है। ये जीव होते हैं: पत्ते, खाद के ढेर, मिट्टी और सड़ रही लकड़ी। इसे साइनस (फुफ्फुसीय) जोखिम के रूप में जाना जाता है। यह संक्रमण कटे या जले स्थान के जरिये आपको संक्रमित कर सकता है। ऐसे मामलों में, घाव या जलन संक्रमण का क्षेत्र बन जाता है।
Mucormycosis कितना खतरनाक है ?
Mucormycosis विशेष रूप से खतरनाक है क्योंकि यह पूरे शरीर में जल्दी से फैलता है। अअगर इसका इलाज न कराया जाए तो, संक्रमण फेफड़ों या मस्तिष्क में फैल सकता है। लिहाजा इससे मरीजो को ब्रेन इन्फेक्शन, पैरालिसिस सीजर्स और मौत भी हो सकती है।
Mucormycosis से बचने के उपाय क्या है ?
इससे बचने के लिए आपको स्वच्छता बनाए रखने की आवश्यकता है। इसके अलावा सभी सार्वजनिक स्थानों पर अपने मास्क पहनने और नियमित रूप से अपने हाथ धोते रहें। बार-बार अपनी आंखों और नाक को छूने से बचें।
यदि आपको अपने नाक, आंख या गले में किसी भी सूजन की कोई समस्या है तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। रोग के उपचार के लिए श्लेष्मा रोग का शीघ्र पता लगाना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा अगर आपको ऊपर बताये गए लक्षण महसूस होते हैं तो आपको बिना देरी किये डॉक्टर से मिलना चाहिए।