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कब्ज-बवासीर को जड़ से खत्म करके चेहरे पर खुशी लाती हैं ये 10 चीजें

By उस्मान | Updated: September 25, 2018 15:25 IST

Top Fiber Rich food to get rid of constipation: कब्ज एक ऐसी समस्या है जिससे हर तीसरा व्यक्ति पीड़ित रहता है और यही सिर मे दर्द होने का मुख्य कारण भी हैं। इस रोग के कारण कई प्रकार के रोग उत्पन्न हो सकते हैं जैसे- अफारा, पेट में दर्द, गैस बनना, सिर में दर्द, हाथ-पैरों में दर्द, अपच तथा बवासीर आदि।  

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कहते हैं जिसका पेट सही उसे 90 प्रतिशत बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है लेकिन आदमी अपनी भागमभाग वाली जीवन शैली, काम के तनाव, अनियमित भोजन, फास्ट फूड, ऑयली और मसालेदार खान के कारण पेट का रोगी कब बन जाता है उसे पता ही नहीं चलता। दरअसल जिस भोजन से पहले लोग स्वस्थ रहते थे, उसे अब देहाती और गरीबों का भोजन कहकर थाली से बाहर कर दिया गया है। आजकल लोग चक्की का आटा न खाकर बंद पैकेटों का आटा खा रहे हैं, जिसमें चोकर नही है। यह कब्ज का सबसे बड़ा कारण है।

बवासीर को जन्म देता है कब्जअक्सर देखा जाता है कि लोग देर से खाते हैं, देर से सोते हैं और उठते भी देर से हैं। यही अव्यवस्थित चीजें कब्ज और बवासीर जैसी घातक बीमारी को न्योता देती है। बवासीर और कब्ज दो ऐसी बीमारियां है। जिससे निजात पाना लगभग मुश्किल हो जाता है। कब्ज एक ऐसी समस्या है जिससे हर तीसरा व्यक्ति पीड़ित रहता है और यही सिर मे दर्द होने का मुख्य कारण भी हैं। इस रोग के कारण कई प्रकार के रोग उत्पन्न हो सकते हैं जैसे- अफारा, पेट में दर्द, गैस बनना, सिर में दर्द, हाथ-पैरों में दर्द, अपच तथा बवासीर आदि।  

कब्ज और बवासीर से बचने के लिए खायें ये चीजेंकुछ अनाज के दानों की वाह्य झिल्ली रेशेदार छिलकों से कसी होती है, जिनको मंड़ाई से भी सामान्यतः नहीं निकाला जा सकता है। इन अनाजों को मोटा अनाज कहते हैं जैसे चना, ज्वार, बाजरा, मक्का, कोदो, मडुआ, सांवा, रागी, कुटकी, कंगनी आदि। देहाती भोजन समझकर जिन मोटे अनाजों को रसोई से कभी का बाहर किया जा चुका है, अब वैज्ञानिक शोध से बार-बार उनकी पौष्टिकता को प्रमाणित किया जा रहा है। तमाम बड़ी कंपनियां अब मोटे अनाजों के पैकेट बाजार में उतार रही हैं। कुलीन वर्ग इसे अब बड़े चाव से खरीदता है। मोटे अनाज में पल्प अधिक होता है। यह आंतों में चिपकने की बजाय आसानी से आगे बढ़ता है। इससे पेट पर कब्ज का कब्जा नहीं हो पाता।

कब्ज का नाश करता है फाइबरचना, ज्वार, बाजरा, मक्का, कोदो, मडुआ, सांवा, रागी, कुटकी, कंगनी आदि चीजों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। जिन लोगों के आहार में फाइबर की अच्छी मात्रा शामिल है उनमें कब्ज से पीड़ित होने की संभावना काफी कम होती है। फाइबर आंतों में जमी गंदगी को साफ करता है और मल का कड़ापन दूर करता है। इसलिए फाइबरयुक्त आहार के सेवन से कब्ज और अपच में राहत मिलती है।

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