कोरोना वायरस की दूसरी लहर थोड़ी धीमी हुई है लेकिन खतरा अभी कम नहीं हुआ है। कोरोना वायरस का नया रूप 'डेल्टा प्लस' सामने आने के बाद तीसरी की भी आशंका जताई जा रही है। कोरोना के नए रूप अपने साथ नए-नए लक्षण भी साथ लेकर आ रहे हैं।
डेल्टा वेरिएंट क्या है?कोरोना वायरस के डेल्टा संस्करण को B.1.617.2 नाम से जाना जाता है। यह B.1.617 स्ट्रेन का ही रूप है, जो दो अलग-अलग वायरस वैरिएंट E484Q और L452R से म्यूटेशन होते हैं। भारत में दोहरे उत्परिवर्तन का पहला मामला महाराष्ट्र राज्य में मिला था। इससे पहले के प्रयोगशाला परिणामों ने दिसंबर के बाद से E484Q और L452R म्यूटेशन की सूचना दी थी।
यह कितना खतरनाक है ? डेल्टा संस्करण में दो अन्य वैरिएंट E484Q और L452R होते हैं। इसके लिए मानव प्रतिरक्षा प्रणाली को तोड़ना और अंगों पर आक्रमण करना अधिक आसान हो जाता है। इसके अतिरिक्त, जैसा कि नए वेरिएंट स्पाइक प्रोटीन की संरचना को बदलते हैं, यह खुद को मानव मेजबान कोशिकाओं से जोड़ने में अधिक कुशल है और तेजी से बढ़ाते हैं।
डेल्टा वेरिएंट से जुड़े नए लक्षणहल्के संक्रमणों में, बुखार, खांसी, थकान और गंध और स्वाद की भावना में कमी, कुछ सबसे सामान्य लक्षण बने हुए हैं। हालांकि वेरिएंट बदलने से लक्षण भी बदले हैं। बताया जा रहा है कि जिन लोगों ने डेल्टा वैरिएंट का सामना किया है, उन्हें बहुत खराब सर्दी का सामना करना पड़ा। इसके अलावा सिरदर्द, गले में खराश और नाक बहना डेल्टा संस्करण से जुड़े सबसे आम लक्षण हैं।