Covid-19: वैज्ञानिकों का दावा, भारत में इन 5 करोड़ लोगों को है कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा, कहीं आप भी तो नहीं लिस्ट में ?

By भाषा | Published: May 22, 2020 07:57 AM2020-05-22T07:57:35+5:302020-05-22T07:57:35+5:30

अगर आपको कोरोना वायरस से बचना है तो आपको इन चीजों का इंतजाम करना ही होगा

study claim, 50 million Indians have no access to effective hand-wash and it can putting them at a greater risk of acquiring and transmitting the covid-19 | Covid-19: वैज्ञानिकों का दावा, भारत में इन 5 करोड़ लोगों को है कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा, कहीं आप भी तो नहीं लिस्ट में ?

Covid-19: वैज्ञानिकों का दावा, भारत में इन 5 करोड़ लोगों को है कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा, कहीं आप भी तो नहीं लिस्ट में ?

भारत में पांच करोड़ से अधिक भारतीयों के पास हाथ धोने की ठीक व्यवस्था नहीं है जिसके कारण उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने और उनके द्वारा दूसरों तक संक्रम फैलाण फैलने का जोखिम बहुत अधिक है।

अमेरिका में वाशिंगटन विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट ऑफ हैल्थ मैट्रिक्स ऐंड इवेल्यूएशन (आईएचएमई) के शोधकर्ताओं ने कहा कि निचले एवं मध्यम आय वाले देशों के दो अरब से अधिक लोगों में साबुन और साफ पानी की उपलब्धता नहीं होने के कारण अमीर देशों के लोगों की तुलना में संक्रमण फैलने का जोखिम अधिक है। यह संख्या दुनिया की आबादी का एक चौथाई है।

जर्नल एन्वर्मेंटल हैल्थ पर्सपेक्टिव्ज में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक उप सहारा अफ्रीका और ओसियाना के 50 फीसदी से अधिक लोगों को अच्छे से हाथ धोने की सुविधा नहीं है।

आईएचएमई के प्रोफेसर माइकल ब्राउऐर ने कहा, ‘‘कोविड-19 संक्रमण को रोकने के महत्वपूर्ण उपायों में हाथ धोना एक महत्वपूर्ण उपाय है। यह निराशाजनक है कि कई देशों में यह उपलब्ध नहीं है। उन देशों में स्वास्थ्य देखभाल सुविधा भी सीमित है।’’

शोध में पता चला कि 46 देशों में आधे से अधिक आबादी के पास साबुन और साफ पानी की उपलब्धता नहीं है। इसके मुताबिक भारत, पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, नाइजीरिया, इथियोपिया, कांगो और इंडोनेशिया में से प्रत्येक में पांच करोड़ से अधिक लोगों के पास हाथ धोने की सुविधा नहीं है।

ब्राउऐर ने कहा, ‘‘हैंड सैनिटाइजर जैसी चीजें तो अस्थायी व्यवस्था है। कोविड से सुरक्षा के लिए दीर्घकालक उपायों की जरूरत है। हाथ धोने की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण हर साल 700,000 से अधिक लोगों की मौत हो जाती है।’’  

एक अन्य अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि कोरोना वायरस का संक्रमण हवा में 6 फुट की दूरी तक जा सकता है। लगभग सभी देशों ने इसी के आधार पर दिशा-निर्देश तैयार किये थे। लेकिन अब यह बात पुरानी हो गई है क्योंकि अब जो एक अध्ययन सामने आया है, उसमें बताया गया है कि कोरोना वायरस मंद हवा में 6 नहीं बल्कि 18 फुट की दूरी तक फैल सकता है।

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए दुनियाभर में सोशल डिस्टेंसिंग यानी सामाजिक दूरी बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है लेकिन एक अध्ययन के अनुसार छह फुट की सामाजिक दूरी बनाने के मौजूदा दिशा निर्देश अपर्याप्त साबित हो सकते हैं। एक अध्ययन में कहा गया है कि धीमी गति से चलने वाली हवा में हल्की खांसी से मुंह की लार के छीटें 18 फुट की दूरी तक फैल सकते हैं।

साइप्रस में निकोसिया विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि प्रति घंटे चार किलोमीटर की रफ्तार से चलने वाली मद्धिम हवा के साथ खांसने पर मुंह की लार के छीटें पांच सेकंड में 18 फुट की दूरी तक फैल सकते हैं। अध्ययन के सह-लेखक दिमित्री द्रिकाकिस ने कहा, ‘ये सुक्ष्म बूंदें अलग-अलग कद काठी के वयस्कों और बच्चों को प्रभावित करेगी।’ वैज्ञानिकों के अनुसार अगर छोटी कद काठी के वयस्क और बच्चे लार की सुक्ष्म बूंदें गिरने के दायरे के भीतर आते हैं तो उन्हें अधिक खतरा है।

Web Title: study claim, 50 million Indians have no access to effective hand-wash and it can putting them at a greater risk of acquiring and transmitting the covid-19

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