जहरीली हवा से 2016 में भारत में एक लाख बच्चों की मौत, दिल्ली में स्मॉग के कारण, दुष्प्रभाव, रोग, इलाज और बचाव
By उस्मान | Published: October 31, 2018 07:59 AM2018-10-31T07:59:07+5:302018-10-31T07:59:07+5:30
डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट ‘वायु प्रदूषण एवं बाल स्वास्थ्य: साफ हवा का नुस्खा’में यह रहस्योद्घाटन किया कि 2016 में घरेलू और आम वायुप्रदूषण के संयुक्त प्रभाव से 15 साल से कम उम्र के तकरीबन छह लाख बच्चों की मौत हुई।
दिल्ली-एनसीआर का वातावरण इन दिनों अजीब बना हुआ है। आसामान में स्मॉग छाया हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि दिवाली से पहले और बाद के कुछ दिनों में हवा इतनी जहरीली हो सकती है कि इंसान को कई बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शहर के लोगों को साफ चेतावनी दी है कि नवंबर महीने के पहले दस दिन प्रदूषित हवा से बचें और सुबह के समय जोगिंग पर जाने से बचें। एक्सपर्ट्स के कहना है कि हरियाणा और पंजाब में कृषि की आग का धुंआ तेजी से दिल्ली-एनसीआर की तरफ बढ़ रहा है जिसके कारण दिवाली के आसपास शहर की हवा का जहरीला होना तय है।
इसके अलावा फेस्टिवल के मद्देनजर ट्रैफिक और पटाखों की वजह से वातावरण ज्यादा प्रदूषित हो सकता है। दिल्ली में इन दिनों हवा की गुणवत्ता बहुत ज्यादा खराब है। अगर लोगों ने इन बातों का ध्यान नहीं रखा तो हवा का लेवल और ज्यादा खराब हो सकता है और यह लेवल एक्यूआई पैमाने पर 401 से 500 तक पहुंच सकता है जिसे चीन में 'रेड अलर्ट' कहा जाता है। पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) को दी गई सिफारिशों में लोगों को कुछ खास बातों का ध्यान रखने की सलाह दी है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक हैरान करने वाली रिपोर्ट जारी करके कहा है कि भारत समेत निम्न एवं मध्यम आय-वर्ग के देशों में पांच साल से कम उम्र के 98 फीसद बच्चे 2016 में अतिसूक्ष्म कण (पीएम) से पैदा वायु प्रदूषण के शिकार हुए।
डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट ‘वायु प्रदूषण एवं बाल स्वास्थ्य: साफ हवा का नुस्खा’में यह रहस्योद्घाटन किया कि 2016 में घरेलू और आम वायुप्रदूषण के संयुक्त प्रभाव से 15 साल से कम उम्र के तकरीबन छह लाख बच्चों की मौत हुई।रिपोर्ट में बताया गया है कि खाना पकाने से घर के अंदर होने वाले वायु प्रदूषण और घर के बाहर के वायु प्रदर्शन से दूनिया भर में भारत जैसे निम्न और मध्यम आय वर्ग के देशों में बच्चों के स्वास्थ्य को भारी नुकसान पहुंचा है।
डब्ल्यूएचओ ने अपने अध्ययन में कहा, ‘‘दूनिया भर में, निम्न और मध्यम आय वर्ग के देशों में पांच साल से कम उम्र के 98 फीसद बच्चे डब्ल्यूएचओ वायु गुणवत्ता मार्गनिर्देश के सामान्य स्तर से ऊपर के स्तर पर पीएम 2.5 से रुबरु हो रहे हैं जबकि उच्च आय वर्ग के देशों में 52 फीसद बच्चे डब्ल्यूएचओ वायु गुणवत्ता मार्गनिर्देश के सामान्य स्तर से ऊपर के स्तर पर पीएम2.5 से रुबरु हो रहे हैं।’’
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘वैश्विक स्तर पर, दुनिया भर के 18 साल से कम उम्र के 98 फीसद बच्चे डब्ल्यूएचओ वायु गुणवत्ता मार्गनिर्देश के सामान्य स्तर से ऊपर के स्तर पर घर से बाहर पीएम2.5 से रुबरु हो रहे हैं। इनमें पांच साल की उम्र के 63 करोड़ बच्चे और 15 साल से कम उम्र के 1.8 अरब बच्चे हैं। पीएम2.5 2.5इक्रामीटर से कम व्यास के व्यास हैं। यह स्वास्थ्य के लिए पीएम 19 से ज्यादा खतरनाक हैं।
पिछले दो हफ्तों के दौरान पीएम2.5 खतरनाक स्तर पर चला गया है। सोमवार को दिल्ली के आकाश पर कोहरे की मोटी परत थी जबकि समग्र वायु गुणवत्ता एक्यूआई 348 पर पहुंच गई थी। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में थी।
सीपीसीबी के अनुसार 1 से 10 नवंबर तक इन कामों से बचें
- 4 से 10 नवंबर तक कोयला और बायोमास आधारित उद्योगों को बंद करें
- नवंबर के पहले दस दिन कंस्ट्रक्शन का काम न करें
- लोग अपनी यात्रा को सीमित करें
- प्रदूषित हवा में जाने से बचें
- निजी वाहनों के इस्तेमाल से बचें
- डीजल वाहनों के इस्तेमाल से बचें
- जॉगिंग और रनिंग करने वाले लोग फिलाहल इससे बचें
- अगर जॉगिंग पर जा भी रहे हैं, तो आपकी स्पीड 5 किलोमीटर प्रति घंटा रहनी चाहिए
- कूड़ा या कोई अन्य चीजें जलाने से बचें
- घरों की सफाई गीले पोंछे से करें या धोयें
- अगरबत्ती जलाने से बचें
दिल और फेफड़ों के मरीज रखें इन बातों का ध्यान
सीपीसीबी ने साफ कहा है कि इन दिनों लोगों को बेवजह घर से बाहर जाने से बचना चाहिए। खासकर दिल और फेफड़ों से जुड़े रोगों के मरीज घर से बाहर न जाएं। इसके अलावा बच्चों और युवाओं को भी बाहर न जाने की सलाह दी गई है।
स्मॉग से होने वाली दिक्कतें
- खांसी, सांस लेने में तकलीफ
- आंखों में जलन
- ब्रॉन्काइटिस
- दिल की बीमारी
- त्वचा संबंधी बीमारियां
- बालों का झड़ना
- नाक, कान, गला, फेफड़े में इंफेक्शन
- ब्लड प्रेशर के रोगियों को ब्रेन स्ट्रोक की समस्या
- दमा के रोगियों को अटैक का खतरा
ऐसे कर सकते हैं बचाव
-दिन में तकरीबन 4 लीटर तक पानी पिएं
- घर से बाहर निकलते वक्त भी पानी पिएं
- बाहर से आने के बाद गुनगुने पानी से मुंह, आंखें और नाक साफ करें
- अगर सांस लेने में तकलीफ हो तो भांप भी ले सकते हैं
- अस्थमा और दिल के मरीज अपनी दवाएं वक्त पर लें
- तरल पदार्थों का खूब सेवन करें
- तुलसी, अदरख की चाय का सेवन भी फायदेमंद रहता है
- साइकल से चलने वाले लोग भी मास्क लगाएं