त्वचा रोगों से (चर्म रोग) से पीड़ित रोजाना सैकड़ों मरीज इलाज के लिए अस्पताल जाते हैं। त्वचा रोगों में मुख्य रूप से त्वचाशोथ, घमौरियां, दाद, खाज, सफेद दाग, कुष्ठ रोग, मुंहासे, फोड़ा, छाजन, फुंसी, फंगल इन्फेक्शन और छाल रोग आदि शामिल हैं। चर्म रोग बेहद गंभीर रोग है जिसमें त्वचा में दाद के काले निशान पड़ जाते हैं। इनमें त्वचा पर खुजली, दर्द और जलन होती रहती है।
किसी भी तरह के चर्म रोग होने और उसके उपचार में साफ-सफाई, खानपान और जीवनशैली का अहम रोल है। लापरवाही बरतने पर ये रोग पूरे शरीर में फैलने लगते हैं। सही समय पर इलाज नहीं कराने से स्थिति गंभीर हो सकती है और आप लंबे समय तक इनका शिकार बन सकते हैं। गलती से अगर चर्म रोग गुप्तांगों में हो जाए, तो आपको और ज्यादा मुसीबत हो सकती है।
भारत में त्वचा रोगों से जुड़ी एक बड़ी योजना 'स्किन सफर' की एक सदस्य और डर्मटॉलजिस्ट डॉक्टर सुमन आपको बता रही हैं कि चर्म रोग क्यों होता है और इससे बचने और इलाज के लिए आपको क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए।
एक्जिमा के कारणयह समस्या अधिकतर केमिकल युक्त चीज़ों के इस्तेमाल से होती है। इसमें साबुन, चूना, डिटर्जेंट का अधिक उपयोग, मासिक धर्म में परेशानी, कब्ज़ और रक्त विकार आदि शामिल हैं। इसके अलावा यदि आप उन लोगों के कपड़े पहन लेते हैं जो पहले से ही किसी दाद, खाज या खुजली की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको भी यह बीमारी हो सकती है
कैसे करें दाद खाज खुजली से बचावकम से कम साबुन, शैम्पू और डिटर्जेंट का इस्तेमाल करें। अधिक केमिकल युक्त चीज़ों का इस्तेमाल बंद कर दें। नहाने के लिए ग्लिसरीन सोप का इस्तेमाल करें।नहाने के बाद पूरे शरीर पर नारियल का तेल लगाएं।किसी भी एंटी फंगल क्रीम का इस्तेमाल डॉक्टर से सलाह लेकर ही करें। कोशिश करें की बीच में गैप न हो। गैप हो जाने पर दाद जिद्दी हो जाते हैं।कपड़े पर साबुन और डिटर्जेंट का इस्तेमाल करने के बाद उसे अच्छी तरह से धो लें। कपड़े पर साबुन और डिटर्जेंट जमा न रहने दें। जब कपड़े अच्छे से सूख जाएं तभी उसे पहनें।नमक का कम से कम इस्तेमाल करें।दाद में से पीप या पानी निकलने पर उसे साफ पानी से धोएं।
खुजली से राहत पाने का घरेलू नुस्खाइससे बचने के लिए नीम के कुछ पत्तों को उबालकर उसके पानी से नहायें। अनार के पत्तों का पेस्ट बनाकर दाद पर लगाने से भी फायदा होता है। नींबू के रस की कुछ बूंदें केले के गूदे में मिलाकर दाद वाली जगह पर लगाने से आराम मिलता है।दाद में बथुआ की सब्जी फायदेमंद होती है। सेंधा नमक को पीसी हुई गाजर में मिलाकर उसे हल्का गुनगुना कर के दाद वाली जगह पर लगाएं। कच्चे आलू का रस भी दाद, खाज और खुजली होने से बचाता है। हल्दी का लेप भी दाद के लिए फायदेमंद होता है।दूध में गुलकंद मिलाकर पीने से भी दाद की समस्या नहीं होती है।दाद वाली जगह पर नीम की पत्ती और दही का पेस्ट बनाकर लगाएं।रोजाना 12 ग्राम नीम के पत्तों का रस पीने से यह समस्या नहीं होती है।