पेरेंट्स इस एक आदत में कर ले सुधार, बच्चे हमेशा के लिए छोड़ देंगे फास्ट फूड
By उस्मान | Published: September 17, 2018 05:30 PM2018-09-17T17:30:03+5:302018-09-17T17:30:03+5:30
फास्ट फूड से दांतों में कैविटी, वजन बढ़ने और कैंसर का खतरा हो सकता है। अगर आपका बच्चा फास्ट फूड और चॉकलेट के बेइंतहा शौकीन है और आप उसकी इस खराब आदत से छुटकारा दिलाना चाहते हैं, तो जाने-माने शेफ और टीवी होस्ट रणवीर बरार आपकी मदद कर सकते हैं।
छोटों से लेकर बड़ों तक को आज के समय में फास्ट फूड खाना पसंद होता है। उनसे अगर खाने के बारे में पूछा जाए, तो वह हमेशा फास्ट फूड प्रिफर करते हैं। फास्ट फूड से दांतों में कैविटी, वजन बढ़ने और कैंसर का खतरा हो सकता है। अगर आपका बच्चा फास्ट फूड और चॉकलेट के बेइंतहा शौकीन है और आप उसकी इस खराब आदत से छुटकारा दिलाना चाहते हैं, तो जाने-माने शेफ और टीवी होस्ट रणवीर बरार आपकी मदद कर सकते हैं। उनका कहना है कि हिन्दुस्तानी खाने को बच्चों के लिहाज से नहीं बनाये जाने के कारण देश में फास्टफूड का चलन बढ़ा और युवा पीढ़ी का रुझान उस तरफ हुआ। उन्होंने देश की अगली पीढ़ी के स्वास्थ्य के लिहाज से भारतीय खाने को लज्जत एवं आकर्षक तरीके से बनाने की नसीहत दी।
जायकेदार लेकिन सेहतमंद खाने की परंपरा के हिमायती रहे बरार ने कहा, 'हिन्दुस्तानी खाने को हम उस हिसाब से पेश नहीं कर पा रहे हैं कि वो बच्चों को लुभाए। बाहर का खाना उन्हें लुभा रहा है, इसलिए युवा पीढ़ी में ऐसे खाने को लेकर रुझान बढ़ा है।'
बरार ने कहा कि यह बिल्कुल माकूल समय है जब हम अपनी युवा पीढ़ी के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए पारंपरिक हिन्दुस्तानी खाने को लज्जत और रवायत के साथ बनाएं और युवाओं को उनकी ओर आकर्षित करें। उनका मानना है कि इस क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है।
अपनी अलग नफासत और शाही रवायत के लिए मशहूर लखनऊ में पले-बढ़े 40 वर्षीय बरार ने पाक कला जगत में आने का श्रेय अपने शहर को दिया।
उन्होंने कहा 'दरअसल, मैं लखनऊ का हूं और खाने में परंपरा बनाए रखने का श्रेय मेरे शहर के खाने को जाता है। वहां का कोई भी व्यक्ति बाहर जाता है तो उसे अपने शहर का नजाकत भरा खाना बहुत याद आता है।'
बरार ने कहा, 'मैंने सोचा कि आखिर क्या बात है कि बाहर के खाने में वो बात नहीं आती। लोगों से पूछा लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला। मेरी जिज्ञासा बढ़ती गयी। मैं इस पहेली को सुलझाते-सुलझाते आज इस मुकाम तक पहुंच गया।'
पाक कला जगत में युवाओं के लिए संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर शेफ ने कहा, 'अब इस उद्योग का दायरा बहुत बड़ा हो गया है। संभावनाओं के नये द्वार खुले हैं। अब पाक कला उद्योग का मतलब केवल शेफ नहीं होता है। खाने के पूरे भूगोल में शेफ एक बहुत छोटा हिस्सा है।