आजकल खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण महिला और पुरुषों में फर्टिलिटी यानी प्रजनन क्षमता की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है। शादी के बाद भी कई-कई सालों तक लोग संतान के सुख से वंचित हैं। यह समस्या अब केवल महिलाओं की नहीं रह गई है बल्कि पुरुष भी इसका शिकार हो रहे हैं। अगर आप भी कुछ ऐसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो आपको निराश होने की जरूरत नहीं है। अगर आप जल्दी मां-बाप बनना चाहते हैं, तो आपको खानपान में शतावरी को शामिल कर लेना चाहिए। शतावरी एक ऐसी चीज है जिससे आप जल्दी ही प्रेगनेंट हो सकती हैं। शतावरी एक चमत्कारी औषधि है जिसे कई रोगों के इलाज में उपयोग किया जाता है।
शतावरी प्रजनन क्षमता में कैसे सुधार करती है? आयुर्वेद के अनुसार यह पौधा डायबिटीज, वजन कम करने, ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने, यूटीआई और खासतौर पर सेक्स शक्ति को बध्कार प्रजनन क्षमता में सुधार करने में सहायक है। वसंत ऋतु की यह सब्जी लिली यानी लिलीसेए परिवार के अंतर्गत आता है और प्राचीन काल से इसका इस्तेमाल एक कामोद्दीपक के रूप में किया जाता है। लेटिन भाषा में असपारगस-रेसेमेसस भी कहा जाता है। इसका पौधा उत्तर भारत में अधिक पाया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार शतावरी का सेवन करने से पुरूष और महिला दोनों की फर्टिलिटी क्षमता बढ़ने के साथ-साथ काम करने की उत्तेजना भी बढ़ती है।
1) महिलाएं प्रजनन क्षमता की उम्र में पॉलिसिस्टिक ओवरियन सिन्ड्रॉम की अवस्था कर गुजरती हैं जिनके कारण उन्हें हार्मोनल असंतुलन की प्रॉबल्म हो जारी है। शतावरी का सेवन करने से इसके लक्षण कम होते हैं, हार्मोनल संतुलित होते हैं और फर्टिलिटी की संभावना बढ़ती है।
2) क्या आपको पता है कि स्ट्रेस ज्यादा होने पर भी प्रेगनेंट होने में प्रॉबल्म होती है। स्ट्रेस के कारण ओेव्यलैशन में प्रॉबल्म, सूजन, प्रजनन प्रणाली के टिशु को क्षति पहुँचती है, फेलोपीन ट्यूब ब्लॉक हो जाती है, ओवरियन सिस्ट जैसे बहुत से समस्या उत्पन्न होते हैं जो कंसीव होने में बाधा उत्पन्न करते हैं। शतावरी का सेवन करने से शरीर में वाइट ब्लड सेल्स का उत्पादन बढ़ता है जिसके कारण इन सारे लक्षणों में सुधार आता है प्रेगनेंट होने की संभावना बढ़ती है।
3) अंडोत्सर्ग या ओव्यलैशन की स्थिति बेहतर बनाती है- शतावरी में स्ट्रेडॉयल सैपोनीन होता है जो एस्ट्रोजेन को नियंत्रित करके पीरियड के रेगुलेट करके कंसीव होने के संभावना को बढ़ाती है।
4) सर्वाइकल म्यूकस का सिक्रेशन कम होने के कारण भी प्रेगनेंसी में बाधा उत्पन्न् होती है। सर्वाइकल म्यूकस महिलाओं के रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट में स्पर्म जाकर अंडों के साथ मिलने में मदद करती है। शतावरी में म्यूसिलेज़ होता है म्यूसिलेज़ मेमब्रेन को प्रोटेक्ट करने और टॉनिक जैसा काम करने में मदद करती है।
इस बात का रखें ख्यालअगर शादीशुदा होने के बाद कई बार ट्राई करने के बावजूद आप मां-बाप बनने का सुख हासिल नहीं कर पा रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर आपको यह उपाय ट्राई करना चाहिए। हालांकि इस उपाय पर निर्भर रहने के बजाय आपको किसी बेहतर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और इसके अधिक सेवन से बचना चाहिए।