सेक्स क्षमता बढ़ाने के लिए बाजार में कई तरह के नुस्खे मौजूद हैं। लेकिन आजकल पुरुष यौन उत्तेजना बढ़ाने के लिए वियाग्रा का सबसे अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर वियाग्रा को छोड़ दिया जाए, तो कई ऐसी जड़ी बूटियां भी हैं, जो सेक्स ड्राइव बढ़ाने में काफी मददगार साबित हो सकती हैं। पिछले कुछ सालों से दो खास जड़ी-बूटियों का पुरुषों में ऊर्जा और यौन उत्तेजना बढ़ाने के लिए तेजी से इस्तेमाल हो रहा है। चलिए जानते हैं इनके बारे में।
1) ज़ेंथोपर्मेलिया (Xanthoparmelia)
यह एक प्रकार का काई या शैवाल है। इसका इस्तेमाल दवा बनाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग शीघ्रपतन या इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के इलाज के साथ ही यौन इच्छा को बढ़ाने के लिए एक कामोत्तेजक के रूप में किया जाता है। इसे कैंसर के इलाज के लिए भी प्रभावी माना जाता है।
ज़ेंथोपर्मेलिया का विभिन्न दवाओं के रूप में इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसे यौन रोगों, यौन इच्छा बढ़ाने और कैंसर जैसी समस्याओं के इलाज में किया जाता है। इसका इस्तेमाल कुछ कारकों पर निर्भर करता है जिसमें उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कारक शामिल हैं। इसका सेवन किस मात्रा में करना चाहिए, इस संबंध में पर्याप्त वैज्ञानिक सबूत नहीं हैं।
साल 2004 खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) ने इससे बनी कुछ दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था क्योंकि इसमें कुछ ऐसे केमिकल्स पाए गए, जो शरीर की स्वत कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा प्रेगनेंसी में और फीड कराने वाली महिलाओं को इसके सेवन से बचने की सलाह दी जाती है।
2) यारशागुंबा (Himalayan Viagra)
पिछले कुछ सालों से एक खास जड़ी बूटी का पुरुषों में ऊर्जा और यौन उत्तेजना बढ़ाने के लिए तेजी से इस्तेमाल हो रहा है। इस जड़ी बूटी का नाम है 'यारशागुंबा' (Yarsagumba) जिसे हिमालय वियाग्रा के नाम से भी जाना जाता है। आपको जानकार हैरानी होगी कि यह जड़ी बूटी लाखों करोड़ों रुपये किलो मिलती है।
ऐसा माना जाता है कि इस जड़ी बूटी का इस्तेमाल लिबिडो को बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह मनुष्यों के लिए एक शक्तिशाली कामोत्तेजक औषधि है।
इसे कीड़ा-जड़ी इसलिए कहते हैं क्योंकि ये आधा कीड़ा है और आधा जड़ी है और चीन-तिब्बत में इसे यारशागुंबा कहा जाता है। सबसे आसान भाषा में इसे हिमालय वियाग्रा के नाम से जानते हैं। इसे इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने के लिए जाना जाता है।
इसके अलावा इससे किडनी और फेफड़े मजबूत बनते हैं और यह अस्थमा, पित्त रोग और कैंसर के लिए उपयोगी है। ऐसा भी माना जाता है कि यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने और सिरदर्द और दांतों के इलाज में भी प्रभावी है। इसकी कीमत करीब 70 लाख रुपये किलो बताई जाती है और यह विलुप्त होने की कगार पर है।
इस बात का रखें ध्यानध्यान रखें कि प्राकृतिक उत्पाद हमेशा सुरक्षित हों, यह सच नहीं है। इसलिए प्रोडक्ट पर लगे लेबल पर लिखे निर्देशों को अच्छी तरह पढ़ लेना चाहिए। इसके अलावा इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने फार्मासिस्ट या डॉक्टर से परामर्श लें।